ADVERTISEMENTREMOVE AD

Maharashtra Crisis: SC से उद्धव को राहत नहीं, जानिए किसने क्या रखी दलील?

शिवसेना की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी वहीं शिंदे गुट की तरफ से कोर्ट में नीरज किशन कौल ने अपनी दलील रखी.

Updated
भारत
4 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

उद्धव ठाकरे ने शरद पवार और सोनिया गांधी का किया शुक्रिया

फेसबुक लाइव पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपनी सरकार के कामों को गिनाया और कहा कि हमारी सरकार ने कोरोना के समय भी डटकर लड़ा. इस दौरान उन्होंने NCP प्रमुख शरद पवार और कांग्रेसाध्यक्ष सोनिया गांधी का धन्यवाद किया.

हमारे अपनों ने दिया धोखा

उद्धव ठाकरे ने कहा कि जो भी अच्छा लगता है, उसे नजर लग जाती है. ठाकरे ने इस बात पर दुख जताया कि जो उनके अपने थे, उन्होंने ही साथ नहीं दिया और जिन्हें शायद वे अपना नहीं मानते थे, वे अंत तक साथ खड़े रहे.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

स्पीकर अपनी मतदाता सूची तय नहीं कर सकते- तुषार मेहता

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने राज्यपाल की ओर से सुप्रीम कोर्ट को बताया कि स्पीकर अपनी मतदाता सूची तय नहीं कर सकते.

0

एकनाथ शिंदे के वकील ने कहा कि हम शिवसेना नहीं छोड़ रहे हैं. हम शिवसेना हैं. हमारे साथ शिवसेना के 55 में से 39 विधायक हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

जस्टिस कांत ने कहा कि हमने अभिषेक मनु सिंघवी से एक काल्पनिक सवाल पूछा था. अब हम आपसे पूछना चाहते हैं कि फ्लोर टेस्ट में शामिल होने की पात्रता किस-किसको है?

इस पर कौल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ही कहा है कि फ्लोर टेस्ट के मसले पर अयोग्यता के इश्यू से कोई फर्क नहीं पड़ता. लोकतंत्र में फ्लोर टेस्ट सबसे​​​​​​​ हेल्दी चीज है. सुप्रीम कोर्ट ने ही कहा है कि अगर कोई मुख्यमंत्री फ्लोर टेस्ट से हिचकता है, तो पहली नजर में ऐसा लगता है कि उसने सदन का विश्वास खो दिया है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

जस्टिस कांत ने कहा कि दूसरे पक्ष का इस मामले में कुछ और ही कहना है. उनका कहना है कि विधायकों की सदस्यता के मामले को रोका नहीं गया है. ऐसा इसलिए है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें ऐसा करने से रोका है.

इस पर शिंदे गुट के वकील कौल ने कहा कि यहां मामला कोर्ट की तरफ से स्पीकर के फैसले पर रोक लगाने का नहीं है. जब आपके अस्तित्व पर ही सवाल हों, तो आप इस मामले में कैसे फैसला कर सकते हैं. यह सब जानते हैं कि फ्लोर टेस्ट में देरी नहीं की जानी चाहिए. केवल इस आधार पर प्रोसेस को नहीं रोका जाना चाहिए कि कितने MLA ने इस्तीफा दिया या 10वां अनुच्छेद क्या कहता है. सुप्रीम कोर्ट पहले ही कह चुका है कि ये दोनों अलग-अलग मामले हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि सिंघवी की दलील है कि वे कार्यवाही अध्यक्ष के समक्ष स्वेच्छा से लंबित नहीं हैं, यह अदालत के आदेश के कारण उन पर रोक लगा दी गई है.

इस पर सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि यह लंबित है या नहीं, यह कभी भी फ्लोर टेस्ट को प्रभावित नहीं करेगा

कौल ने कहा कि अगर आप इतने आश्वस्त हैं, तो फ्लोर टेस्ट के साथ आगे बढ़ें. अब जिस चीज की मांग की जा रही है वह पार्टी अल्पमत में है, जो फ्लोर टेस्ट नहीं चाहती है. मैंने लोगों को भागते और फ्लोर टेस्ट के लिए कोर्ट में आते देखा है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

एकनाथ शिंदे की ओर से पेश वकील नीरज कौल की सुप्रीम कोर्ट में दलील शुरू

कौल ने कहा कि हमारे यहां आने का मुख्य कारण यह था कि सुप्रीम कोर्ट ने नबाम राबिया में कहा था कि जब तक स्पीकर को हटाने का फैसला नहीं किया जाता है, तब तक उनके लिए आगे बढ़ना प्रभावशाली और निषिद्ध है.

उन्होंने कहा कि पहले उसे अपनी स्थिति पर निर्णय लेना होगा, और फिर अयोग्यता के साथ आगे बढ़ना होगा. सुप्रीम कोर्ट का फैसला यही कहता है.

कौल ने कहा कि स्पीकर के पास एक मामला है और ये आप जानते हैं कि आपके खिलाफ कार्यवाही चल रही है. ऐसे में आप बिल्कुल भी आगे नहीं बढ़ सकते. यह एक अधिकार क्षेत्र का मुद्दा है.

इस दौरान कौल ने कहा कि तीन बिंदु हैं. फ्लोर में कभी भी देरी नहीं होनी चाहिए. हॉर्स ट्रेडिंग का परीक्षण करने का एकमात्र तरीका फ्लोर टेस्ट है, केवल इसलिए कि उन विधायकों से संबंधित कार्यवाही की लंबितता, जिन्होंने इस्तीफा दे दिया है या स्पीकर से क्रोध का सामना करना पड़ा है, स्पीकर को देरी करने का आधार नहीं हैं.

कौल ने कहा कि सिंघवी का तर्क है कि वे कार्यवाही अध्यक्ष के समक्ष स्वेच्छा से लंबित नहीं हैं, इस अदालत के आदेश के कारण उन पर रोक लगा दी गई है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

जस्टिस कांत ने सिंघवी से पूछा कि क्या यह सही है कि मौजूदा मामले में वे चाहते हैं कि विपक्ष सरकार बनाए?

इस पर सिंघवी ने कहा कि जी हां. ऐसा राज्यपाल के पत्र में कहा गया है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

सिंघवी

इस पर सिंघवी ने कहा कि क्या मैं एक काल्पनिक प्रश्न के साथ पूर्ण उत्तर दे सकता हूं? मान लीजिए किसी मामले में, लोगों ने केवल दलबदल किया है. वे दूसरी तरफ चले गए, और राज्यपाल ने फ्लोर टेस्ट के लिए कहा. क्या यह 10वीं अनुसूची को तोड़-मरोड़ कर पेश नहीं करेगा?

ऐसे में ये लोग स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी ला सकते हैं जो स्पीकर को उनकी अयोग्यता का फैसला करने से अक्षम कर सकता है. राज्यपाल को विपक्ष के नेता से मिलने के बाद और सीएम को बुलाए बिना कल फ्लोर टेस्ट क्यों करना चाहिए?

सिंघवी ने कहा कि हम 10वें शेड्यूल को भी टाल सकते हैं. सिंघवी ने पूछा कि क्या राज्यपाल 11 जुलाई तक इंतजार नहीं कर सकते? अगर कल फ्लोर टेस्ट नहीं हुआ तो क्या आसमान गिरेगा?

ADVERTISEMENTREMOVE AD

जस्टिस सूर्यकांत

जस्टिस सूर्यकांत ने सिंघवी से पूछा कि मान लीजिए कि एक सरकार को पता है कि उन्होंने सदन का बहुमत खो दिया है, और स्पीकर को समर्थन वापस लेने वालों को अयोग्यता जारी करने के लिए कहा जाता है. फिर उस समय राज्यपाल को फ्लोर टेस्ट बुलाने की प्रतीक्षा करनी चाहिए या वह स्वतंत्र रूप से अनुच्छेद 174 के तहत निर्णय ले सकता है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

जस्टिस सूर्यकांत

शिवसेना के बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने का समय बढ़ाए जाने पर जस्टिस कांत ने कहा कि यह समय अवधि इसलिए बढ़ा दी गई थी, क्योंकि जब यह बताया गया था कि अविश्वास का नोटिस डिप्टी स्पीकर को भेजा गया था और खारिज कर दिया गया था. ऐसे में हलफनामे की आवश्यकता थी. इसलिए, तब तक अयोग्यता कार्यवाही में समय बढ़ाया गया था.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

जस्टिस कांत: अगर कल फ्लोर टेस्ट होता है, और फिर 15 दिनों के बाद पूल में बदलाव होता है, तो क्या नए सिरे से फ्लोर टेस्ट कराने पर रोक है?

इस पर सिंघवी ने कहा कि हां 6 महीने का एक बार है. विश्वास मत या अविश्वास मत 6 महीने या उसके बाद होना है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

जस्टिस सूर्यकांत ने मनु सिंघवी से पूछा कि वे कार्यवाही कैसे निष्फल हो जाएगी?

इस पर सिंघवी ने कहा कि मान लीजिए कि याचिका खारिज कर दी गई है, और स्पीकर अयोग्य घोषित कर देता है, तो हम कल फ्लोर टेस्ट के परिणाम को कैसे उलट सकते हैं? यह एक अपरिवर्तनीय प्रक्रिया है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला की अवकाशकालीन पीठ कर रही सुनवाई

महाराष्ट्र सियासी संकट की याचिकाओं पर जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला की अवकाशकालीन पीठ सुनवाई कर रही है.

इसके अलावा पीठ महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक और पूर्व मंत्री अनिल देशमुख द्वारा फ्लोर टेस्ट में अपना वोट डालने के लिए अदालत की अनुमति मांगने के आवेदनों पर भी सुनवाई करेगी.

शिवसेना के चीफ व्हिप अनिल प्रभु की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने अपनी दलीलें रखनी शुरू कर दी हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

महाराष्ट्र का सियासी संकट (Maharashtra crisis), बगवात और बयानबाजी के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है. महाराष्ट्र की सियासत को लेकर सुप्रीम कोर्ट पर सभी की नजरे टिकी हुई हैं. महाराष्ट्र सियासी संकट पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को शाम 5 बजे से सुनवाई शुरू हो गयी. महाराष्ट्र के सियासी संकट पर हर अपडेट के लिए यहां जानें...

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×