महाराष्ट्र सरकार ने अनिल देशमुख पर लगे आरोपों के मामले में मुंबई हाईकोर्ट के CBI जांच किए जाने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने 5 अप्रैल को अपने फैसले में पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह की याचिका के आरोपों पर सीबीआई जांच के दिए थे. महाराष्ट्र सरकार ने अब 6 अप्रैल को बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने वाली याचिका दायर की है.
मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए 5 अप्रैल को हाईकोर्ट ने कहा कि ‘जांच 15 दिन में पूरी होनी चाहिए.’
हाई कोर्ट ने क्या कहा था?
बॉम्बे हाई कोर्ट ने परमबीर सिंह की आपराधिक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश पास किया. सिंह ने अपनी याचिका में सीबीआई जांच की मांग की थी. इसके अलावा कोर्ट में दो और जनहित याचिकाएं दायर की गई थीं. इनमें एक स्वतंत्र जांच की मांग की गई थी.
चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस गिरीश कुलकर्णी ने कहा, "अगर पुलिस को जांच दी जाती है तो कोई स्वतंत्र जांच नहीं हो सकती क्योंकि देशमुख गृह मंत्री हैं. सीबीआई डायरेक्टर को प्रारंभिक जांच की इजाजत दी जाती है. इसे 15 दिनों में खत्म करना होगा."
हालांकि, कोर्ट ने कहा कि CBI को तुरंत FIR दर्ज करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले की जांच के लिए पहले ही एक ‘उच्च स्तरीय समिति’ का गठन किया है.
मुख्य न्यायाधीश दत्ता ने कहा, "एक उच्चस्तरीय समिति के लिए राज्य सरकार की ओर से लाया गया सरकारी प्रस्ताव हमें विश्वास दिलाता है कि इसमें कोई हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है."
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