महाराष्ट्र (Maharashtra) के नांदेड़ जिले के बॉन्डार हवेली गांव में गुरुवार, 1 जून को कुछ लोगों के एक समूह ने लाठी और खंजर से क्रूर हमला करते हुए अक्षय भालेराव नाम के एक दलित (Dalit) युवक की हत्या कर दी. अक्षय के बड़े भाई आकाश की शिकायत पर नांदेड़ ग्रामीण थाने में इस घटना की एफआईआर दर्ज की गयी है.
'तुम भीम जयंती मनाने की हिम्मत करते हो?'
शिकायत में कहा गया है कि जब शाम को अक्षय और आकाश गांव में एक किराने की दुकान पर गए थे, तो कुछ लोगों के एक समूह ने अक्षय पर जातिसूचक गालियां देते हुए हमला किया. ये लोग एक मराठा दूल्हे की बारात का हिस्सा थे, जो मुख्य सड़क से गुजर रही थी. एफआईआर में कहा गया है कि चिल्लाने और डीजे संगीत पर नाचने के साथ-साथ बरात में शामिल कुछ लोग तलवारें, लाठी और खंजर भी लहरा रहे थे.
एफआईआर के मुताबिक इन आरोपियों में से एक ने जब किराने की दुकान पर अक्षय और आकाश को देखा, तो उन्हें जातिसूचक गालियां देना शुरू कर दिया और चिल्लाया, "इन दोनों को मार दिया जाना चाहिए, तुम भीम जयंती मनाने की हिम्मत करते हो?"
शिकायत में आगे कहा गया है, इसके बाद इस ग्रुप ने अक्षय को लात-घूसों से पीटना शुरू कर दिया और उसकी लाठियों से पिटाई कर दी. बाद में, उनमें से एक ने बार-बार उस पर खंजर से हमला किया और बाकी लोगों ने उसके हाथ और पैर पकड़ लिए, जिससे उसकी तुरंत मौत हो गई.
बाद में उन्होंने आकाश और उसकी मां को भी पीटा, जो घटना की खबर सुनकर मौके पर पहुंची थी. उन्हें भी चोटें आई हैं.
पुलिस ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धारा 3(1)(आर), 3(1)(एस) और 3(2)(वीए) और धारा 143, 147 के तहत मामला दर्ज किया है. भारतीय दंड संहिता की धारा 148, 149, 302, 307, 324, 323, 294 और 504 तथा शस्त्र अधिनियम की धारा 4, 25 और 27 के तहत भी मामला दर्ज किया गया है.
'अंबेडकर जयंती मनाने से नाराज थे मराठा'
एफआईआर में संतोष टिडके, दत्ता टिडके, कृष्णा टिडके, नीलकंठ टिडके, नारायण टिडके, शिवाजी टिडके, महादू टिडके, बाबूराव टिडके और बालाजी मुंगल को आरोपी बनाया गया है. पुलिस ने मामले में सात गिरफ्तारियां की हैं.
युवा पैंथर के अध्यक्ष राहुल प्रधान ने आरोप लगाया कि बौंधर गांव बौद्ध निवासियों के खिलाफ अपराधों के लिए कुख्यात है. उन्होंने क्विंट को बताया कि मराठा समुदाय के विरोध के कारण गांव का बौद्ध समुदाय पिछले 40-45 सालों से अंबेडकर जयंती पर जुलूस नहीं निकाल पाया है.
बोंदर हवेली गांव में 30% से अधिक अनुसूचित जाति की आबादी है.
राहुल प्रधान जो हमले के बारे में फोन आने के तुरंत बाद गांव पहुंचे थे, उन्होंने आरोप लगाया कि मराठा इस बात से नाराज थे कि बौद्धों ने इस साल अंबेडकर जयंती मनाई थी. उन्होंने दावा किया कि भीम जयंती की तैयारियों में अक्षय सबसे आगे थे और इसीलिए उन्हें निशाना बनाया गया.
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