महाराष्ट्र (Maharashtra) के नाशिक (Nashik) जिले में एक किसान ने अपनी उपज का सही मूल्य सुनिश्चित नहीं करने के लिए राज्य और केंद्र सरकार पर गुस्सा करते हुए अपने ही प्याज के खेतों में आग लगा दी. यह फसल तैयार होने में महीनों का वक्त लगा था. मामला नासिक के येओला तालुका का है.
क्या है पूरा मामला?
महाराष्ट्र के नाशिक जिले के येओला तालुका में एक किसान कृष्णा डोंगरे ने उपज का सही दाम नहीं मिलने के बाद अपने पूरे 1.5 एकड़ के खेत को जला दिया है.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक किसान ने कहा कि उन्होंने पहले ही चार महीनों में फसल पर 1.5 लाख रुपये खर्च किए हैं और इसे बाजार तक पहुंचाने के लिए 30 हजार रुपये और खर्च करने होंगे. हालांकि, प्याज के लिए दी जा रही मौजूदा दर पर उन्हें सिर्फ 25 हजार रुपये मिलेंगे.
मैंने 1.5 एकड़ में इन प्याज को उगाने के लिए चार महीने तक दिन-रात काम किया. राज्य और केंद्र सरकार की गलतियों के कारण अब मुझे फसल जलाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.कृष्णा डोंगरे, किसान
उन्होंने आगे कहा कि मौजूदा खरीद दर पर उन्हें अपनी जेब से भुगतान करना होगा. राज्य और केंद्र को किसानों के साथ खड़े होने के बारे में सोचना चाहिए.
"किसी ने सहानुभूति नहीं दिखाई"
कृष्णा डोंगरे ने दावा किया कि राज्य सरकार से कोई भी उनके पास नहीं पहुंचा. उनके पास 15 दिन थे और उन्होंने कोई सहानुभूति भी नहीं दिखाई. 'ऐसा मत करो, हम किसानों के लिए कुछ करेंगे'...कोई भी यह कहने नहीं आया.
किसान डोंगरे ने कहा कि उन्होंने अपने खून से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर उन्हें प्याज जलाने की रस्म में आमंत्रित किया था ताकि वे खुद किसानों की स्थिति देख सकें.
कृष्णा डोंगरे ने मांग की है कि सरकार उनकी सभी फसलों को निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदे. उन्होंने कहा कि हमारे मौजूदा नुकसान के लिए, मुआवजे के रूप में हम सभी को 1,000 रुपये का भुगतान करना चाहिए.
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