कोरोना (Coronavirus) की तीसरी लहर की आशंका के बीच गणेश उत्सव आज से शुरू हो चुका है. लेकिन महाराष्ट्र में इस उत्सव की धूम पर महामारी के चलते पांबंदियों और कड़े नियमों का ऐलान हो चुका है. महाराष्ट्र में लगातार दूसरे साल भी लोग पांडालों में जा कर दर्शन नहीं कर पाएंगे.
महाराष्ट्र के गृह विभाग ने एक नोटिफिकेशन जारी कर लोगों के लिए पांडलों के ऑनलाइन दर्शन की सुविधा देने को कहा है. साथ ही मुंबई में भी गणेश चतुर्थी की धूम ज्यादा देखने को नहीं मिलेगी क्योंकि बीएमसी यानी बृहन्मुंबई महानगर पालिका ने भी अलग से गाइडलाइंस जारी की हैं.
BMC ने जारी किए दिशा निर्देश
गणेश चतुर्थी के लिए बीएमसी के जारी दिशा-निर्देश के मुताबिक, सार्वजनिक पंडालों में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की एंट्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. साथ ही समारोह के दौरान जुलूस में भाग लेने वालों की संख्या को भी सीमित कर दिया है. मूर्ती को पांडल में लाने के लिए 10 लोगों को इजाजत दी गई है और घर में मूर्ती लाने के लिए 5 लोगों को ही इजाजत.
इसके अलावा मूर्ती लाने वाले पूरी तरह से वैक्सीनेटेड होने चाहिए, साथ ही मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का भी अनिवार्य रूप से पालन करना होगा.
कोरोना के कंटेनमेंट जोन में आने वाले पांडालों को अपने परिसर में ही प्रतिमाओं के विसर्जन की व्यवस्था करनी पड़ेगी. वहीं जहां पूरी तरह से सील किया गया है वहां अनिवार्मेंय रूप से लोगों को प्रतिमाओं के विसर्जन की व्यवस्था अपने घरों में ही करनी पड़ेगी.
महाराष्ट्र सरकार को बीजेपी ने क्यों घेरा
बीएमसी द्वारा जारी की गई इन गाइडलाइंस और पाबंदियों को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने महाराष्ट्र सरकार की आलोचना की है. बीजेपी के प्रवक्ता प्रेम शुक्ला का कहना है कि राज्य में शराब की दुकानें खुली हुई हैं, वहां पर बड़ी संख्या में लोग जमा हो रहे हैं. वहां लोग मास्क नहीं लगा रहे हैं लेकिन उद्धव सरकार इस पर पाबंदी नहीं लगी रही है. सरकार हिंदू आस्था पर पाबंदी लगा रही है.
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