मनसुख हिरेन केस में निशाने पर आए मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वझे को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति में उबाल जारी है. इस मामले में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि विपक्ष सचिन वझे को ओसाम बिन लादेन की तरह पेश कर रहा है.
सीएम उद्धव ठाकरे के इस बयान पर बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तीखी प्रतिक्रिया दी.
‘जांच होने से पहले दोष देना गलत’
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि विपक्ष सचिन वझे को इस तरह से पेश कर रहा है जैसे वो ओसामा बिन लादेन है. इस मामले में निष्पक्ष और विस्तृत जांच होने दें, जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. हम किसी भी दोषी को पहले फांसी देकर, बाद में जांच नहीं करते हैं. हमारे देश में कानून इस तरह काम नहीं करता है.
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा कि, सचिन वझे 2008 तक शिवसेना में थे, लेकिन उसके बाद उन्होंने अपनी सदस्यता नहीं बढ़ाई और सचिन वझे का शिवसेना से कोई लेना-देना नहीं है.
सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि, हम मनसुख हिरेन केस की जांच भी बिल्कुल मोहन डेलकर केस की तरह करेंगे. जांच से पहले हम किसी भी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचेंगे.
उद्धव ठाकरे के बयान पर फड़नवीस का पलटवार
सचिन वझे को लेकर बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर पलटवार किया. फडणवीस ने कहा कि, “सचिन वझे को किसी वकील की जरूरत नही, क्योंकि खुद सीएम उद्धव ठाकरे वझे के वकील बने हुए है. मुझे समझ नही आ रहा कि सचिन वझे के पास ऐसी कौन सी जानकारी है कि सरकार उसे बचाने में लगी है.”
सचिन वझे को क्राइम ब्रांच से हटाया गया
मनसुख हिरेन केस में मुंबई पुलिस के एपीआई सचिन वझे को मुंबई क्राइम ब्रांच से हटा दिया गया है. इसे लेकर महाराष्ट्र के गृहमंत्री ने विधानसभा में यह जानकारी दी. वहीं बीजेपी इस मामले में सचिन वझे की गिरफ्तारी की मांग कर रही है.
एंटीलिया केस से जुड़ा है मामला
बता दें कि मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक भरा वाहन बरामद हुआ था. इसमें मुकेश अंबानी के परिवार के नाम एक धमकी भरा खत मिला था. दरअसल ये कार मनसुख हीरेन नाम के शख्स की थी, जो घटना से कुछ दिने पहले चोरी हो गई थी. चोरी की इस घटना की शिकायत पुलिस से की गई थी.
इस मामले में मनसुख हीरेन से पुलिस पूछताछ कर रही थी, लेकिन 5 मार्च को मनसुख हीरेन मृत पाए गए.
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