ADVERTISEMENTREMOVE AD

बिन बहुमत 4 जगह BJP सरकार, महाराष्ट्र में इसी मॉडल का विस्तार

बीजेपी किन राज्यों में बिना अपने बल पर बहुमत लाए भी सरकार में है.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

जब विपक्षी पार्टियां सो रही थीं तब बीजेपी सरकार बनाकर मिठाई बांट रही थी. ये विपक्षी पार्टियों पर कटाक्ष नहीं है, हकीकत है. महाराष्ट्र में बहुमत के आंकड़े से 40 सीट दूर रहने के बावजूद भी बीजेपी ने सरकार बना ली. लेकिन ये पहला राज्य नहीं है जहां बीजेपी ने बिन बहुमत सरकार बनाई है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

एनसीपी में सेंध, कुर्सी का जुगाड़

भले ही शिवसेना ने साथ छोड़ दिया लेकिन बीजेपी ने राजनीतिक अकलमंदी दिखाते हुए एनसीपी में हीं सेंध लगा दी. और एनसीपी चीफ शरद पवार के भतीजे अजित पवार को ही अपने पाले में ले आई. अजित पवार को डिप्टी सीएम पद का शपथ मिला है.

महाराष्ट्र में बीजेपी को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीट मिली थीं. सरकार बनाने का जादुई आंकड़ा 145. लेकिन बीजेपी की साथी शिवसेना ने चुनाव के बाद साथ छोड़ दिया. शिवसेना ने साफ कह दिया 50:50 मैच होगा, नहीं तो अब बस! मतलब ढाई साल बीजेपी का सीएम और ढाई साल शिवसेना का.

गोवा में कांग्रेस ने सत्ता खोई

साल 2017 में गोवा विधानसभा चुनाव हुए. किसी भी एक पार्टी को बहुमत नहीं मिला. यहां कांग्रेस ने बीजेपी से ज्यादा सीटें जीतीं. 40 सीटों वाली गोवा विधानसभा में कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 17 सीटें जीतीं, लेकिन सरकार बनाया 13 सीट जीतने वाली BJP ने. कांग्रेस के बहुमत साबित करने से पहले ही बीजेपी जादुई आंकड़े को जुटाकर सरकार बनाने में सफल रही.

बीजेपी ने निर्दलीय विधायकों का समर्थन लेकर गोवा में सरकार बनाई और मनोहर पर्रिकर को यहां का मुख्यमंत्री बनाया गया. पर्रिकर को इसके लिए केंद्रीय रक्षा मंत्री के पद से भी त्यागपत्र देना पड़ा था. फिलहाल पर्रिकर के देहांत के बाद प्रमोद सावंत गोवा के सीएम बने हैं.

मणिपुर में बीजेपी के पास ‘मणि‍’

पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर में पहली बार बीजेपी की सरकार बनी. 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी से ज्यादा सीटें हासिल की थीं. 60 सीटों में से 28 सीटें कांग्रेस को, 21 बीजेपी को, नागा पीपुल्स फ्रंट ने 4, नेशनल पीपुल्स पार्टी ने 4, लोक जनशक्ति पार्टी ने 1, ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस ने 1 और निर्दलीय उम्मीदवारों ने एक सीट पर जीत दर्ज की थी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
मणिपुर में कांग्रेस बड़ी पार्टी थी, लेकिन यहां भी बीजेपी ने दूसरी पार्टियों से गठबंधन करके सरकार बनाई और पूर्व फुटबॉल खिलाड़ी एन बीरेन सिंह को यहां का मुख्यमंत्री बनाया गया. वह राज्य के 12वें मुख्यमंत्री हैं.

मेघालय में कांग्रेस का हाथ रहा खाली

मेघालय में 2018 में विधानसभा चुनाव हुए. 60 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस ने सबसे ज्यादा सीटें जीतीं. लेकिन सबसे बड़ी पार्टी बनने के बावजूद सरकार बनाने से चूक गई. बीजेपी और एनपीपी नेता कॉनराड संगमा और बाकी पार्टियों के साथ मिलकर सरकार बनाया.

बिहार में फिर बीजेपी सरकार

बिहार की कहानी भी दिलचस्प है. यहां बीजेपी तीसरे नंबर पर है, लेकिन सरकार उसके सहारे है. साल 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी और एलजेपी ने मिलकर चुनाव लड़ा था, जबकि लालू प्रसाद की आरजेडी और नीतीश कुमार की जेडीयू ने एकसाथ मिलकर चुनाव लड़ा था.

इस चुनाव में आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और 20 महीने तक नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार चली. लेकिन फिर नीतीश की राहें अलग हुईं और बीजेपी के साथ मिलकर उन्होंने सरकार बना लिया. बीजेपी को 53, जेडीयू को 71 और आरजेडी के खाते में 80 विधायक हैं. सरकार में बीजेपी जूनियर पार्टनर के तौर पर शामिल हैं और उसके नेता सुशील कुमार मोदी उपमुख्यमंत्री हैं.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

बिहार, गोवा, मणिपुर, मेघालय के बाद अब महाराष्ट्र का नाम भी उस लिस्ट में जुड़ गया है जहां बीजेपी ने सबको बड़ी चालाकी से पीछे छोड़ दिया है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×