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सतारा सांप्रदायिक हिंसा और सोशल मीडिया: मृतक छोड़ गया गर्भवती पत्नी, मां-बाप और कर्ज

Nurul Hasan Shikalgar की कथित तौर पर मस्जिद पर हुए हमले के दौरान मौत हो गई थी.

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भारत
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सतारा सांप्रदायिक हिंसा और सोशल मीडिया: मृतक छोड़ गया गर्भवती पत्नी, मां-बाप और कर्ज
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महाराष्ट्र (Maharashtra) के सतारा जिले के पुसेसावली गांव में रविवार, 10 सितंबर को सांप्रदायिक हिंसा (Communal Violence) भड़क गई थी. इस हिंसा में 32 वर्षीय मुस्लिम युवक नुरुल हसन शिकलगर (Nurul Hasan Shikalgar) की मौत हो गई थी, जबकि 19 लोग घायल हुए थे. कथित तौर पर यह हिंसा आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट के कारण भड़की थी.

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बूढ़े माता-पिता और छह महीने की गर्भवती पत्नी सदमे में

नुरुल हसन शिकलगर को उनके करीबी लोग एक मेहनती, प्रतिभाशाली और धार्मिक शख्स के रूप में याद कर रहे हैं. नुरुल हसन का परिवार- बूढ़े माता-पिता और छह महीने की गर्भवती पत्नी अभी भी सदमे में हैं. जवान बेटे को खोने के बाद से वो खुद को "हमेशा के लिए अपंग" महसूस कर रहे हैं.

हाल के दिनों में कई राज्यों में हुई सांप्रदायिक हिंसा में एक खास पैटर्न देखा गया है, सतारा में भी हिंसा आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट के कारण ही भड़की थी.

हिंसा की वजह से बुधवार, 13 सितंबर को लगातार तीसरे दिन जिले भर में कई दुकानें और इंटरनेट सेवाएं बंद रही. स्थानीय अधिकारियों ने हालात को काबू में करने के लिए इंटरनेट बंद करवा दिया है, गांव में आने-जाने पर रोक लगा दी गई है और अन्य सभी सेवाओं को भी निलंबित कर दिया गया है.

सोमवार, 11 सितंबर, 2023 को सतारा जिले के पुसेसावली में सोशल मीडिया पर एक विवादास्पद पोस्ट को लेकर दो समूहों के बीच झड़प के बाद स्कूली छात्राएं सुनसान सड़क से गुजरती हुईं.

(फोटो: पीटीआई)

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गर्भवती पत्नी, बूढ़े माता-पिता, कर्ज: नुरुल हसन अपने पीछे क्या छोड़ गए?

नुरुल हसन के पिता लियाकत शिकलगर, स्थानीय उर्दू स्कूल में शिक्षक हैं. बेटे की मौत के कारण वो अब तक सदमे में हैं. कुछ भी नहीं बोल पा रहे. वहीं उनकी मां एक सरकारी अस्पताल में बतौर नर्स काम करती थीं. अब वो रिटायर हो चुकी हैं. पिछले साल 20 नवंबर को नुरुल हसन की आयशा से शादी हुई थी.

नुरुल हसन के पिता लियाकत ने द क्विंट को बताया, "मेरी बहू अपने पहले बच्चे से पांच महीने की गर्भवती है. वह खाना तक नहीं खा रही. हमारी जिंदगी बर्बाद हो गई है. वो हमारा इकलौता बच्चा था. हम अब अपंग महसूस करते हैं."

नुरुल हसन ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी. वो बीटेक पास था. उसने हाल ही में एक बिजनेस शुरू किया था, जिसमें वो कंस्ट्रक्शन के काम से जुड़े उपकरण और बुलडोजर किराये पर दिया करता था.

रविवार, 10 सितंबर को, वह रात लगभग 8:30 बजे नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद गया था, जो वह पिछले 15 सालों से हर दिन करता आ रहा था. इसके तुरंत बाद कथित तौर पर भीड़ ने मस्जिद पर हमला कर दिया.

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स्थानीय नेता सिराज ने घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मस्जिद पर हुए हमले में नुरुल हसन समेत कम से कम 10 लोग घायल हुए थे. मौके पर पहुंची पुलिस सभी को अस्पताल लेकर गई थी. लेकिन अस्पताल पहुंचते ही उसकी मौत हो गई.

"कथित आपत्तिजनक पोस्ट को लेकर गांव में पिछले 15-20 दिनों से तनाव है. 10 सितंबर को एक और पोस्ट वायरल हुई, जिसके बाद दूसरे समुदाय के लोगों ने हमारे इलाके पर हमला कर दिया. उन्होंने हमारी दुकानें और गाड़ियां जला दी. और फिर मस्जिद पर हमला किया. नुरुल हसन उस वक्त मस्जिद के अंदर ही था. इस बारे में मुझे नहीं पता कि उस पर हमला कैसे किया गया, लेकिन सिर पर चोट लगने से उसकी मौत हो गई.''
सिराज, स्थानीय नेता

सिराज ने नुरुल हसन के माता-पिता की फिक्र करते हुए कहा कि उनका बेटा वापस नहीं आ सकता. उसने नए बिजनेस के लिए और बुलडोजर खरीदने के लिए कर्ज लिया था. अब, उन सभी का भार दो बूढ़े माता-पिता और उसकी गर्भवती पत्नी के कंधों पर पड़ेगा.

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पुसेसावली में धीरे-धीरे ट्रैक पर लौट रही जिंदगी

बुधवार को लगातार तीसरे दिन जिले में बाजार और इंटरनेट सेवाएं बंद रहीं, जिससे क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियां रुकी गई हैं.

सिराज ने बताया कि, "अधिकारियों ने कहा है कि अब कामकाज फिर से शुरू करना और दुकानें खोलना सुरक्षित है, लेकिन कई लोग अभी भी डर के कारण घर पर ही हैं."

हालांकि, मंगलवार को एहतियात के तौर पर जिले भर में पुलिस की तैनाती जारी रही, पुलिस ने कहा कि स्थिति की समीक्षा के बाद ही इंटरनेट सेवाएं बहाल की जाएंगी.

सतारा के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने द क्विंट को बताया, "अब तक तीन मामले दर्ज किए गए हैं. एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर, एक हमले को लेकर और एक पुलिस अधिकारियों पर हुए हमलों को लेकर. पहले दिन 20 लोगों को हिरासत में लिया गया था, और हमने आधिकारिक तौर पर अब तक 19 लोगों को गिरफ्तार किया है."

गिरफ्तार किए गए लोगों पर IPC की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है:

  • 302 (हत्या)

  • 307 (हत्या का प्रयास)

  • 324 (जानबूझकर खतरनाक हथियारों या साधनों से चोट पहुंचाना)

  • 141 (गैरकानूनी जमावड़ा)

  • 143 (गैरकानूनी जमाव के लिए सजा)

  • 147 (दंगा करने के लिए सजा)

  • 148 (घातक हथियार से लैस होकर दंगा करना)

  • 149 (गैरकानूनी सभा का प्रत्येक सदस्य सामान्य उद्देश्य के अभियोजन में किए गए अपराध का दोषी)

  • 427 (नुकसान पहुंचाने वाली शरारत)

  • 435 (नुकसान पहुंचाने के इरादे से आग या विस्फोटक पदार्थ द्वारा शरारत)

  • 449 (मौत से दंडनीय अपराध करने के लिए घर में अतिक्रमण)

  • 450 (आजीवन कारावास से दंडनीय अपराध करने के लिए घर में अतिक्रमण)

शांति बहाली के लिए सतारा पुलिस ने मंगलवार, 12 सितंबर को एक कॉम्यूनिटी बेस्ड सोशल मीडिया मॉनिटरिंग तंत्र बनाया है. इस ग्रूप में 31 पुलिस स्टेशनों के विभिन्न समुदायों के स्थानीय लोग शामिल हैं. इस समूह का काम पुलिस को सोशल मीडिया क्षेत्र की निगरानी में मदद करना है ताकि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आपत्तिजनक पोस्ट या टिप्पणियों से होने वाली किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके.

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