महाराष्ट्र (Maharashtra) विधिमंडल के बीजेपी के 12 विधायकों का निलंबन सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है. ये फैसला महाराष्ट्र के एमवीए सरकार को बड़ा झटका माना जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने विधायकों के निलंबन को असंवैधानिक, तर्कहीन और मनमानी फैसला करार दिया हैं. इसके साथ ही विधायकों का निलंबन सदन के उसी सत्र के लिए किए जाने की बात कोर्ट ने अपने आदेश में कही हैं.
क्या था पूरा मामला?
महाराष्ट्र के जुलाई 2021 में मानसून सत्र के दौरान विधानसभा अध्यक्ष के केबिन में हंगामा करने की वजह से बीजेपी के 12 विधायकों को एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया था. ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर आक्रामक हुए बीजेपी विधायकों पर गाली-गलौच करने और हिसंक व्यवहार की वजह बताते हुए निलंबित कर दिया गया था. इसके बाद बीजेपी विधायक एड.आशीष शेलार सहित अन्य लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
सुप्रीम कोर्ट ने निलंबन को रद्द करने का आदेश दिया, उसके बाद एड.आशीष शेलार ने कहा कि कोर्ट के ऑपरेटिव ऑर्डर के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने निलंबन के फैसले को अवैध और इसे असंवैधानिक बताया हैं, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोर्ट ने 12 बीजेपी विधायकों के निलंबन को रद्द करने के आदेश दिए हैं. शेलार का कहना है कि इस फैसले ने एमवीए सरकार के अहंकार को चूर-चूर कर दिया है.
शिवसेना की प्रतिक्रिया
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि राज्यसभा में हुए सदस्यों के निलंबन पर सुप्रीम कोर्ट ने कोई फैसला नहीं सुनाया. महाराष्ट्र के विधान परिषद के सदस्यों की नियुक्ति का प्रस्ताव पर राज्यपाल ने पिछले दो सालों से निर्णय नहीं लिया, लेकिन महाराष्ट्र के विधानसभा अध्यक्ष से हिंसक व्यवहार करने के लिए निलंबित विधायकों पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला लिया, इसके मुझे आश्चर्य है. क्या हमारे सदस्यों की नियुक्ति राजनीतिक कारणों से रोकी नहीं जा रही? ऐसा सवाल संजय राउत पूछ रहे हैं.
हालांकि मंत्री नवाब मालिक ने कहा कि इस फैसले से सरकार को झटका लगा है, यह कहना गलत होगा.
उन्होंने कहा कि निलंबन का निर्णय विधिमंडल में बहुमत से पारित किया गया था. सुप्रीम कोर्ट की विस्तृत ऑर्डर कॉपी आने के बाद विधिमंडल सचिव उसका विश्लेषण करके आगे की प्रक्रिया पूरी करेंगे.
निलंबित किए गए विधायकों की पूरी लिस्ट
आशिष शेलार (वांद्रे पश्चिम) - पूर्व मंत्री
अभिमन्यू पवार (औसा)
गिरीश महाजन (जामनेर) - पूर्व मंत्री
पराग अळवणी (विलेपार्ले)
अतुल भातखळकर (कांदिवली पूर्व)
संजय कुटे (जामोद, जळगाव) - पूर्व मंत्री
योगेश सागर (चारकोप)
हरीश पिंपळे (मूर्तीजापूर)
जयकुमार रावल (सिंधखेड) - पूर्व मंत्री
राम सातपुते (माळशिरस)
नारायण कुचे (बदनपूर, जालना)
बंटी भांगडिया (चिमूर)
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