एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) की याचिका पर कार्रवाई करते हुए पिछले हफ्ते उन्हें और 15 अन्य बागी विधायकों को जारी किए गए अयोग्यता नोटिस को चुनौती देते हुए, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बागी विधायकों को अयोग्यता नोटिस पर अपना जवाब दाखिल करने की समय सीमा भी 12 जुलाई तक बढ़ा दी है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर कोई अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया कि 11 जुलाई तक महाराष्ट्र विधानसभा में कोई फ्लोर टेस्ट नहीं होना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट में आज दायर एक अलग याचिका में एकनाथ शिंदे ने अपने गुट के विधायकों के जीवन के लिए "गंभीर खतरा" होने का दावा किया. याचिका में संजय राउत की "शवों" वाली टिप्पणी का भी उल्लेख किया गया था, जिसे बाद में पार्टी सांसद ने स्पष्ट करते हुए कहा था कि वह विधायकों के "मृत विवेक" के बारे में बोल रहे थे. महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि अयोग्यता के नोटिस दिए गए विधायकों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएंगे.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस पर लोगों के रिएक्शन भी आने लगे वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े ने महाराष्ट्र में राजनीतिक विकास पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कहा कि " जहां तक अयोग्यता की कार्यवाही का संबंध है, यथास्थिति की स्थिति है,"
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद एकनाथ शिंदे ने मराठी में ट्वीट कर लिखा कि, "यह हिंदुत्व सम्राट बालासाहेब ठाकरे के हिंदुत्व और धर्मवीर आनंद दिघे साहब के विचारों की जीत है..!"
दिलीप मंडल ने ट्विटर पर लिखा कि, "सुप्रीम कोर्ट के जजों ने महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर के उस फ़ैसले पर 11 जुलाई तक के लिए रोक लगा दी है, जो फ़ैसला उन्होंने अभी तक दिया ही नहीं है. भारत के लोकतांत्रिक-न्यायिक इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है. मराठा साम्राज्य के खिलाफ दिल्ली सल्तनत की साज़िशें जारी हैं."
शिवसेना के बागी एकनाथ शिंदे के बेटे कल्याण सांसद श्रीकांत शिंदे ने सोमवार को पार्टी नेता संजय राउत से बोलने से पहले सोचने के लिए कहा, गुवाहाटी में डेरा डाले हुए असंतुष्ट विधायकों के खिलाफ उनकी "बिना आत्मा के शरीर" की टिप्पणी से हड़कंप मच गया था. इसका आज सुप्रीम कोर्ट में उल्लेख भी किया गया था.
मणिपुर शिवसेना प्रमुख को गुवाहाटी के होटल में बागी विधायकों से मिलने से रोका गया जिसके बाद शिवसेना का कहना है कि अब यह साफ हो गया है कि यह बीजेपी महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक नाटक में तार खींच रही है.
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