बिड़ला हाउस में रखी महात्मा गांधी के अंतिम पलों की कुछ तस्वीरों को 'डिजिटाइज्ड' कर दिया गया है. इन तस्वीरों को फ्रेंच फोटोग्राफर हेनरी कार्टियर-ब्रेसन ने अपने कैमरे में कैद किया था. तस्वीरों को 'डिजिटाइज्ड' किए जाने पर विवाद हो गया है. महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी ने ट्वीट कर इस पर सवाल उठाया है.
तुषार गांधी ने तस्वीरों के 'हटाए जाने' पर हैरानी जताई है. तुषार ने ट्वीट में लिखा, "हैरान. प्रधान सेवक के आदेश पर महात्मा गांधी की हत्या के बाद हेनरी कार्टियर-ब्रेसन ने जो तस्वीरें ली थीं, उन्हें गांधी स्मृति से हटा लिया गया है. बापू के हत्यारे ऐतिहासिक सबूत मिटा रहे हैं. हे राम!"
हालांकि, तस्वीरों को हटाए जाने के दावों को खारिज करते हुए गांधी स्मृति के डायरेक्टर दीपांकर श्री ज्ञान ने कहा है, "तस्वीरों की सॉफ्ट कॉपी LED स्क्रीन पर इंस्टॉल की गई हैं."
ज्ञान ने बताया कि ये कदम संस्कृति मंत्रालय के डिजिटाइजेशन और अपग्रेडेशन मुहिम का हिस्सा है और असली तस्वीरें गांधी स्मृति प्रशासन ने सुरक्षित कस्टडी में रखी हैं.
तस्वीरों को दीवार से हटाया नहीं गया है. 12 फोटोग्राफिक पैनल की जगह दीवार पर 13 स्क्रीन लगाई गई हैं, जहां ये तस्वीरें लूप में प्ले होती रहती हैं. कोई दावा करने से पहले किसी को भी उस सीरीज को पूरा देखना चाहिए था.दीपांकर श्री ज्ञान, गांधी स्मृति के डायरेक्टर
केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रह्लाद पटेल ने भी इस मुद्दे पर बयान दिया है. पटेल ने कहा कि कोई तस्वीर नहीं हटाई गई है. उन्होंने कहा कि वो यात्रा पर थे और लौट कर वो इस मुद्दे को देखेंगे.
गांधी स्मृति के बयान पर तुषार गांधी ने जवाब भी दिया है. तुषार ने कहा कि डिजिटल फॉर्मेट ऐतिहासिक संदर्भ को नकार देता है. ये संदर्भ लिखा होता और तस्वीरें में दिखता है लेकिन अब ये बिना संदर्भ का स्लाइडशो है.
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