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Mahua Moitra को तुरंत सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस, TMC नेता का अगला कदम क्या?

Mahua Moitra: कैश फॉर क्वेरी केस में 8 दिसंबर 2023 को महुआ की लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी.

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तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं. 'कैश फॉर क्वेरी केस' में 8 दिसंबर 2023 को महुआ की लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी. इसके बाद उन्हें दो बार बंगला खाली करने के लिए कहा जा चुका है. अब संपदा निदेशालय ने उन्हें तुरंत बंगला खाली करने को कहा है.

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एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा उस नोटिस को चुनौती देने के लिए आज दिल्ली हाईकोर्ट में रिट दायर करेंगी, जिसमें उन्हें एक सांसद के रूप में आवंटित सरकारी बंगला खाली करने और जरूरत पड़ने पर "बल प्रयोग" की चेतावनी दी गई है.

मोइत्रा के वकीलों ने कहा...

"वह लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार हैं. उन्होंने कहा है कि सांसदों को संसद सत्र के आखिरी दिन से लेकर आम चुनाव के नतीजों के दिन तक अपने घरों में रहने की अनुमति रहती है. चूंकि मोइत्रा को उम्मीदवार के रूप में नामित किया गया है, इसलिए यह उन पर भी लागू होना चाहिए."

इससे पहले दो मिल चुकी है नोटिस

महुआ मोइत्रा को सरकार ने नोटिस में कड़े शब्दों में तुरंत बंगला खाली करने को कहा है. संपदा निदेशालय, जो सरकारी संपत्तियों का प्रबंधन करता है, उसके नोटिस में कहा गया है कि यदि मोइत्रा परिसर खाली नहीं करती हैं, परिसर से बेदखल करने के लिए बल प्रयोग किया जा सकता है.

महुआ मोइत्रा को इससे पहले बंगला खाली करने के लिए दो बार नोटिस जारी किया गया. पहली नोटिस 7 जनवरी को मिली, इस नोटिस पर जवाब नहीं मिलने के बाद उन्हें 12 जनवरी को दूसरा नोटिस जारी किया गया.

मोइत्रा का दिल्ली के टेलीग्राफ लेन में एक बंगला है. सांसद की सदस्यता रद्द होने के एक महीने बाद उनके सरकारी अवास का छोड़ने के लिए कहा गया था. मोइत्रा ने पहले इस साल लोकसभा चुनाव तक का समय मांगा था. उन्होंने कहा था कि सरकारी आवास खोने से अब उनके चुनाव के दौरान बाधा का सामना करना पड़ेगा.

क्यों गई थी सदस्यता?

मोइत्रा को दिसंबर में लोकसभा सांसद के रूप में निष्कासित कर दिया गया था. बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ पर आरोप लगाया था कि वह पैसे लेकर सवाल पूछती हैं. जिसके बाद मामले की जांच के लिए एथिक्स कमेटी बनाई गई.

एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट में महुआ को एक व्यवसायी से महंगे उपहार लेने और उसके साथ अपनी संसद लॉगिन क्रेडेंशियल शेयर करने के लिए अनैतिक आचरण का दोषी ठहराया था. जिसके बाद महुआ के निष्कासन का प्रस्ताव 8 दिसंबर 2023 को लोकसभा में पेश हुआ.

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