तमिलनाडु में शुक्रवार को बुलाए गए बंद का गहरा असर देखने को मिला. बंद के चलते राज्य में अधिकांश दुकानें, प्राइवेट स्कूल, पेट्रोल पंप बंद हैं. साथ ही ट्रांसपोर्ट पर भी बंद का असर देखा गया.
शुक्रवार को ऑटो, टैक्सी, निजी बसें इस मौके पर सड़कों से नदारद रहीं. बंद से राज्य सरकार के संस्थान प्रभावित नहीं हैं. जरूरी सामानों की सप्लाई भी बाधित नहीं है.
क्या है मामला?
ये संगठन कर्नाटक में तमिलों और उनकी संपत्तियों को हुए नुकसान के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. अभी तक बंद शांतिपूर्ण रहा है. इस दौरान किसी तरह की अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं है.
बस अड्डे, व्यावसायिक केंद्र और सड़कें सुनसान हैं. बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को बस अड्डों, रेलवे स्टेशनों और अन्य स्थानों के बाहर तैनात किया गया है.
राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ताओं ने कुछ स्थानों पर रेलगाड़ियां रोकने का प्रयास किया, जिन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया.
बड़े पैमाने पर दलों ने लिया प्रदर्शन में हिस्सा
राज्य में सत्तारूढ़ एआईएडीएमके पार्टी को छोड़कर सभी अन्य प्रमुख राजनीतिक पार्टियों ने बंद के प्रति समर्थन जताया है. बीजेपी ने भी बंद को समर्थन देते हुए उन संगठनों की निंदा की, जिन्होंने केंद्र सरकार के ऑफिसों के बाहर प्रदर्शन की योजना बनाई है. त्रिची में एमडीएमके नेता वाइको को पुलिस ने रेल यातायात बाधित कर प्रदर्शन करने से रोक दिया. इस मौके पर वाइको ने कहा,
कावेरी जल बंटवारे को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार उसी नीति का पालन कर रही है, जो नीति पूर्व की कांग्रेस सरकार ने अपनाई थी.वाइको, एमडीएमके नेता
चेन्नई में डीएमडीके पार्टी भूख हड़ताल पर है, जबकि उनके संस्थापक ए. विजयकांत ने स्वास्थ्य कारणों से इस प्रदर्शन में हिस्सा नहीं लिया . डीएमके नेता एमके स्टालिन ने एगमोर रेलवे स्टेशन पर विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया, जिसके बाद उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया. डीएमके से राज्यसभा सांसद कनिमोझी भी विरोध प्रदर्शन में हिस्सा ले रही थीं, उन्हें भी हिरासत में लिया जा चुका है.
(एजेंसी इनपुट्स के साथ)
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