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ममता बोलीं,अल्पसंख्यक कट्टरता का ठिकाना हैदराबाद,ओवैसी का पलटवार

हिंदू कट्टरपंथ पर भी ‘दीदी’ ने दिया बयान

Published
भारत
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहली बार एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी पर हमला बोला है. उन्होंने 'अल्पसंख्यक कट्टरता' का जिक्र करते हुए अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों से अपील की है कि असदुद्दीन ओवैसी जैसे लोगों पर भरोसा नहीं करें.

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ममता बनर्जी ने असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलीमीन (एमआईएम) का नाम लिए बिना तीखा कटाक्ष किया है. ममता बनर्जी ने बंगाल के कूचबिहार में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ एक बैठक में कहा,

‘अल्पसंख्यकों के बीच कट्टरता सामने आ रही है. ठीक जैसे कि हिंदुओं में चरमपंथ है. एक राजनीतिक पार्टी है, जो बीजेपी से पैसा लेती है. वह हैदराबाद से हैं न कि पश्चिम बंगाल से. आप लोग इन पर ध्यान मत दीजिए’.

असदुद्दीन ओवैसी का जवाब

ममता बनर्जी के इस बयान पर अब असदुद्दीन ओवैसी ने भी पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि बंगल में मुसलमानों को मूलभूत मानवीय सुविधाएं नहीं होने पर सवाल उठाना धार्मिक कट्टरता नहीं है. उन्होंने कहा,

यह कहना अति धार्मिक अतिवाद नहीं होगा कि बंगाल के मुसलमान किसी भी अल्पसंख्यक समुदाय के मुकाबले सबसे ज्यादा खराब हालत में हैं. अगर दीदी हम जैसे कुछ लोगों से जो “हैदराबाद से” हैं, उनके बारे में चिंतित हैं, तो उन्हें यह बताना चाहिए कि बीजेपी ने बंगाल से लोकसभा चुनाव में 42 में से 18 सीटें कैसे जीतीं. मुझ पर आरोप लगाकर आप (ममता बनर्जी) बंगाल के मुसलमानों को यह संदेश दे रही हैं कि ओवैसी की पार्टी राज्य में एक जबरदस्त ताकत बन गई है. ममता बनर्जी इस तरह की टिप्पणी करके अपने डर और हताशा का प्रदर्शन कर रही हैं.

बता दें कि 2021 में पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में असदुद्दीन औवैसी की पार्टी भी चुनावी मैदान में एंट्री करने का प्लान बना रही है. माना जा रहा है कि ममता बनर्जी को अशंका है कि कहीं उनके अल्पसंख्यक वोटर उनका साथ छोड़ ओवैसी के साथ ना चले जाएं. इसी वजह से पहली ममता बनर्जी ने बीजेपी से इतर ओवैसी पर हमला बोला है.

हिंदू कट्टरपंथ पर भी 'दीदी' का बयान

अल्पसंख्यक समुदाय के साथ-साथ ममता बनर्जी ने हिंदू कट्टरपंथ पर भी अपने वोटरों को समझाने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि मैं हिंदू लोगों से भी अपील करती हूं कि वह हिंदू कट्टरपंथी ताकतों के भी बहकावे में ना आएं.

बता दें कि पश्चिम बंगाल में 2021 में विधानसभा चुनाव होना है, इससे पहले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने ममता बनर्जी के किले में सेंध लगाते हुए 18 सीटों पर जीत दर्ज की थी. वहीं ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस को 22 सीटें ही मिल सकी थीं. जब्कि 2014 में टीएमसी ने 42 में से 34 सीटों पर कब्जा किया था.

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