कोरोना वायरस और उसके चलते लगाए गए लॉकडाउन के बीच पश्चिम बंगाल सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. ममता सरकार ने राज्य में धार्मिक स्थलों को खोलने का ऐलान कर दिया है. जिसके बाद पश्चिम बंगाल में स्थित मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारों को खोल दिया जाएगा. हालांकि धार्मिक स्थलों में एक बार में सिर्फ 10 लोग ही जा सकते हैं. इसके अलावा यहां कसी भी तरह की कोई सभा आयोजित नहीं की जा सकती है.
ममता सरकार का ये फैसला अगले महीने 1 जून से लागू होगा. ममता बनर्जी ने कहा कि बार-बार धार्मिक स्थलों को सैनिटाइज भी किया जाएगा. इसके अलावा ममता ने रेलवे पर भी आरोप लगाया कि बिना सोशल डिस्टेंसिंग के रेलवे मजदूरों को पश्चिम बगाल भेज रही है. उन्होंने कहा,
“रेलवे की ट्रेनों में एक बोगी में जरूरत से ज्यादा मजदूरों को भरकर भेजा जा रहा है. जो काफी खतरनाक है. ये जो मजदूर हैं, उनमें कई हॉटस्पॉट इलाकों से आ रहे हैं.”
कर्नाटक सरकार ने भी किया था फैसला
पश्चिम बंगाल से पहले कर्नाटक सरकार ने भी एक ऐसा ही ऐलान किया था. सीएम बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि 31 मई के बाद आम जनता के लिए धार्मिक स्थलों को फिर से खोल दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि श्रद्धालु पहले की ही तरह पूचा कर पाएंगे, लेकिन उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा.
हालांकि भले ही राज्य सरकारें धार्मिक स्थलों को खोलने का ऐलान कर रही हों, लेकिन अगर केंद्रीय गृहमंत्रालय की गाइडलाइंस में इन्हें खोलने की इजाजत नहीं मिलती है तो ये बंद रहेंगे. लॉकडाउन 4 कुछ ही दिनों में खत्म हो रहा है, इसीलिए उम्मीद है कि 31 मई को केंद्र की तरफ से गाइडलाइन जारी होंगी और लॉकडाउन बढ़ाने का ऐलान भी संभव है.
बता दें कि देशभर में 25 मार्च से लॉकडाउन लगाया गया था. इसी दिन से सभी धार्मिक स्थलों को भी बंद रखा गया है. क्योंकि धार्मिक स्थलों पर लोग काफी संख्या में आते हैं, इसलिए हर बार की गाइडलाइन में इन्हें बंद रखने का फैसला लिया जाता है. लेकिन अब मंदिरों की कमाई पर भी काफी असर पड़ रहा है. जिसके बाद राज्य सरकारों ने धार्मिक स्थलों को खोलने का फैसला किया है.
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