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मंदसौर में एक और किसान की मौत, कई और जिलों में भी हिंसा

ग्रामीणों के मुताबिक पुलिसवालों की पिटाई से हुई किसान की मौत.

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भारत
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हिंसा प्रभावित मंदसौर जिले के बड़ावन गांव में एक 26 साल के किसान की मौत हो गई है. गांववालों का आरोप है कि पुलिसवालों ने उसकी पिटाई की थी.

इंदौर के एमवाई हाॅस्पिटल में बीती रात किसान को ले जाया गया था. हाॅस्पिटल पहुंचने से पहले उसकी मौत हो चुकी थी और उसके शरीर पर हमले के निशान थे. हालांकि, पुलिस ने कहा कि उसकी मौत कैसे हुई ये अभी साफ नहीं हुआ है और वो मामले की जांच कर रहे हैं.

जिले में ये छठे किसान की मौत का मामला है. मंगलवार को पुलिस गोलीबारी में पांच किसानों की मौत के बाद जिले में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए थे.

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ग्रामीणों ने लगाया पुलिस पर आरोप

गांववालों के मुताबिक घनश्याम धाकड़ बीती शाम एक मंदिर जा रहा था तभी कुछ पुलिसवालों ने उसे रोका और डंडों से उसकी पिटाई कर दी.

मंदसौर के एसपी मनोज कुमार सिंह और कलेक्टर ओ पी श्रीवास्तव शुक्रवार को मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों से बात की. इलाके के नाराज ग्रामीणों ने दावा किया कि पुलिस उन्हें बिना कारण पकड़ कर पीट रही है और गिरफ्तार कर रही है.

एसपी ने आश्वासन दिया कि उनकी शिकायतों पर ध्यान दिया जायेगा.

जांच की मांग

पूर्व सांसद और कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव सज्जन सिंह वर्मा हाॅस्पिटल पहुंचे और मामले में जांच की मांग की. उन्होंने आरोप लगाया कि किसान के साथ मारपीट की गई थी.

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि किसानों के तीन सहयोगी- दिनेश मालवी, शिवनारायण मालवी और गणेश मालवी भी लापता हैं. पुलिस को उनका पता लगाना चाहिए. इस मामले में एसपी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाए.

उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम के लिए डॉक्टरों का पैनल बनाया जाए और पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाए. मौके पर मौजूद पूर्व कांग्रेसी सांसद मीनाक्षी नटराजन ने कहा कि वो मृतक किसान के परिजनों को मुआवजा दिलाने के लिए एसपी से मुलाकात करेंगी.

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