मेंगलुरु में 57 वर्षीय अब्दुल रशीद पर 21 जून की सुबह कुछ लोगों की भीड़ ने हमला कर दिया और उनके वाहन में तोड़फोड़ की. ये घटना उस समय हुई जब अब्दुल कथित रूप से भैंस का मीट कुदरोली इलाके के एक बूचड़खाने से कंकनाडी मार्केट ले जा रहे थे.
अब्दुल पर हमला करने के मामले में 5 युवाओं पर आपराधिक धमकाना, गलत तरीके से रोकना, दंगा करने जैसे आरोप लगे हैं. अब्दुल पिछले कई दशकों से अपने ऑटो में मीट ट्रांसपोर्ट कर रहे हैं.
एक हफ्ता पहले 14 जून को 34 वर्षीय मोहम्मद हनीफ पर भी हमला हुआ था. कैटल और पोल्ट्री ट्रेडर हनीफ 4 भैंसों को कुदरोली में बूचड़खाने ले जा रहे थे. वो ऐसा कई सालों से कर रहे हैं. हनीफ का दावा है कि उन पर 10-15 लोगों ने हमला किया था. हालांकि FIR 6 अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज हुई है. ऐसा माना जा रहा है कि आरोपी बजरंग दल के थे और उन्हें पुलिस स्टेशन से ही जमानत पर छोड़ दिया गया.
रॉड, तलवार, डंडे लिए लोग थे और उन्होंने मुझे सर और पीठ पर मारना शुरू कर दिया था. वो करीब 15 लोग थे. उन्होंने मुझे मेरे ही टेंपो से बांध दिया और गाली दी. कई लोग आसपास खड़े थे लेकिन कोई बचाने नहीं आया क्योंकि उन लोगों के पास हथियार थे. मैं भागने की कोशिश कर रहा था जब पुलिस आई.मोहम्मद हनीफ ने क्विंट को बताया
विश्व हिंदू परिषद (VHP) के रीजनल सेक्रेटरी शरण पम्पवेल ने कथित रूप से हनीफ को 'अंतर्राजीय गोवंश चोर' बताया और कहा, "बजरंग दल के लोगों ने वाहन को रोका लेकिन वो मॉरल पुलिसिंग में शामिल नहीं थे."
हनीफ के पास सेल डीड और परमिट होने के बावजूद पुलिस ने उनके खिलाफ खुद ही संज्ञान लेते हुए चोरी और एनिमल क्रुएल्टी एक्ट के कई सेक्शन के तहत केस दर्ज किया है. हनीफ ने मेंगलुरु पुलिस कमिश्नर को 17 जून को खत लिखकर बताया कि उनका बयान पुलिस ने ठीक से दर्ज नहीं किया है. वो फिलहाल जमानत पर बाहर हैं.
पुलिस ने मेरा बयान नहीं लिया: हनीफ
FIR के मुताबिक, कुछ अज्ञात लोगों ने कथित तौर पर हनीफ का पीछा किया और उनकी गाड़ी को रोका. FIR में कहा गया, "उन लोगों ने पूछा कि जानवरों के साथ कहां जा रहे हो और बिल के बारे में पूछा. उन्होंने उसे चेहरे पर मारना शुरू कर दिया. उसके जमीन पर गिरने के बाद लोगों ने उसे लात भी मारी. एक शख्स ने पत्थर से विंडशील्ड तोड़ दी. एक शख्स ने उससे कथित तौर पर कहा कि तुम बहुत भैंसे ले जा रहे हो, हम देखेंगे कि तुम ये काम दोबारा न करो. उन्होंने उसे गाड़ी से बांधने की कोशिश की."
हनीफ का कहना है कि उन्होंने जो पुलिस को मौखिक रूप से बताया, उसे पुलिस ने FIR में नोट नहीं किया और कथित तौर पर FIR बनाने के बाद उसे साइन करने के लिए मजबूर किया.
हनीफ का दावा है कि 10 लोगों के हमला करने, 7500 रुपये कैश की लूट, हथियार रखने और उनकी गाड़ी बुरी तरह तोड़े जाने की बात FIR में नहीं है. हनीफ के वकील आसिफ बालकडी ने कहा कि गाड़ी का नुकसान करीब 1 लाख का होगा.
'घटना से डरा हुआ और लज्जित है'
वकील आसिफ बालकडी ने बताया कि हनीफ काम पर दोबारा जाने से घबरा रहे हैं और वो घटना को लेकर लज्जित भी हैं.
बालकडी ने कहा, "अखबारों में आया है कि उन्हें मारा गया था और चोरों की तरह बर्ताव किया गया. वो लज्जित हैं, जबकि वो ये काम कई सालों से कर रहे हैं. उन्हें कुछ चोटें आई हैं और वो बचने में कामयाब रहे क्योंकि घटना पुलिस स्टेशन से 100 मीटर दूर हुई थी."
'मीट पर केरोसीन फेंका, गाड़ी को पलट दिया'
वहीं अब्दुल रशीद के मामले में पुलिस को दिए बयान में रशीद ने बताया, "मैं रोजाना बूचड़खाने जाता हूं. 21 जून की सुबह मैंने सर्टिफिकेशन लिया, मीट को गाड़ी में लोड किया और मार्केट में जाकिर हुसैन की दुकान के लिए निकला. रास्ते में 5 लोग बाइक और कार में आए और मेरी गाड़ी रोक ली. उन्होंने मुझे बाहर निकाला, गालियां दीं और मारने लगे. उन्होंने मुझसे मीट रोड पर फेंकने को कहा, लेकिन मैंने ऐसा न करने का निवेदन किया. आखिरकार उन्होंने मेरी गाड़ी को नुकसान पहुंचाया और मीट पर केरोसीन डाल दिया."
हुसैन ने कहा कि गाड़ी में करीब 100 किलो भैंस का मीट था और लगभग 10,000 रुपये का मीट खराब हो गया था.
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