मणिपुर (Manipur) की घाटी में विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया. गुरुवार को बड़ी संख्या में महिला प्रदर्शनकारियों द्वारा विभिन्न पुलिस स्टेशनों को घेरने के बाद यह स्थिति खड़ी हुई. ये महिला प्रदर्शनकारी कथित तौर पर हथियार रखने और आर्मी-पुलिस जैसी वर्दी (कैमोफ्लाज यूनिफार्म) पहनने के आरोप में गिरफ्तार किए गए पांच लोगों की रिहाई के लिए इकट्ठा हुईं थी.
सिंगजामेई में बिगड़े हालात, आंसू गैस छोड़ी गई- 3 घायल
Indian Express की रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिमी इम्फाल के सिंगजामेई पुलिस स्टेशन के इलाके में हालात गंभीर हो गए और यहां प्रभारी अधिकारी के आवास में भी तोड़फोड़ की गई. पुलिस और सुरक्षाकर्मियों ने जवाबी कार्रवाई में आंसू गैस के गोले छोड़े, जिसमें तीन नागरिक घायल हो गए.
मैतेई समाज के COCOMI नाम के सबसे बड़े नागरिक समाज संगठन से लेकर प्रभावशाली मीरा पैबिस या महिला निगरानीकर्ताओं तक ने राज्य से असम राइफल्स की वापसी की मांग की है, लेकिन पुलिस ने इस पर सहमति नहीं जताई.
पांच लोगों को किया गया था गिरफ्तार
16 सितंबर को, आधिकारिक वर्दी के दुरुपयोग के लिए IPC के शस्त्र अधिनियम, गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम की कई धाराओं के तहत पूर्वी इंफाल के कोंगा से पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
Indian Express की रिपोर्ट के मुताबिक उनके पास से एक INSAS राइफल, एक SLR, दो .303 राइफल और कई मैगजीन और गोला-बारूद के साथ बरामद किया गया था. उनमें से एक, मोइरांगथेम आनंद सिंह (45) की पहचान शुरू में मणिपुर के अलगाववादी समूह पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) और फिर कांगलेइपाक कम्युनिस्ट पार्टी (Noyon) समूह के ट्रेंड कैडर के रूप में की गई थी. उसे 1997 से 2010 के बीच सात बार गिरफ्तार किया जा चुका है. गिरफ्तार किए गए अन्य लोगों की उम्र 28 से 39 साल के बीच हैं.
उन पांच लोगों की गिरफ्तारी के बाद रिहाई की मांग को लेकर पूर्वी इंफाल में पोरोम्पैट पुलिस स्टेशन पर कई बार हमले की कोशिश की गई.
मैतेई समूहों ने दावा किया कि वो पांचों "स्वयंसेवक/वॉलंटियर" थे. स्थानीय समूहों के आह्वान किए जाने के बाद मंगलवार आधी रात से 48 घंटे का बंद प्रभावी हो गया.
रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार को पूर्वी इंफाल में सात-आठ, इंफाल पश्चिम में सात और थौबल, काकचिंग और बिष्णुपुर जिलों में कुछ पुलिस स्टेशनों पर हमले की कोशिश की गई. सिंगजामेई के अलावा हिंगैंग और पोरोम्पैट जैसे पुलिस स्टेशनों में भी आंसू गैस छोड़ी गई थी.
"नकेल कसने की कोशिश"
पिछले दिनों मणिपुर के अतिरिक्त सचिव (गृह) महाराबम प्रदीप सिंह ने मीडिया को संबोधित करते हुए पुलिस वर्दी का दुरुपयोग करने वाले लोगों द्वारा कानून और व्यवस्था के लिए उभरे खतरे पर जोर दिया था और कहा था कि इन पांच लोगों की गिरफ्तारी इस पर नकेल कसने की कोशिश थी.
मणिपुर में मौजूदा संकट को लेकर मणिपुर सरकार, विशेष रूप से राज्य पुलिस सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रही है. हालांकि, हमें सशस्त्र बदमाशों द्वारा CDO बनकर सड़कों पर घूमने की खबरें मिल रही हैं. जबरन वसूली की मांग और धमकियों का सहारा लेने वाले हथियारबंद बदमाशों के ऐसे कृत्यों की वजह से पुलिस की कोशिशों में बाधा उत्पन्न हुई है और पुलिस ने इस खतरे को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं.महाराबम प्रदीप सिंह, मणिपुर के अतिरिक्त सचिव (गृह)
उन्होंने आगे कहा कि 16 सितंबर को कोंगबा इलाके में लगाए गए एक नाके पर, हमने कथित तौर पर सीडीओ की वर्दी या कैमोफ्लाज यूनिफार्म पहने पांच हथियारबंद बदमाशों को हथियार के साथ पकड़ा. हमारे पास मणिपुर के जिलों से जबरन वसूली की मांग और धमकियों से संबंधित शिकायतों की बढ़ती आवृत्ति के बारे में रिपोर्ट्स आई हैं.
इस तरह की घटनाओं के बाद कानून और व्यवस्था खराब हो गई. इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्वी जिलों के सभी क्षेत्रों में फिर से पूरी तरह कर्फ्यू लगा दिया गया है.
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