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चक्रवात से प्रभावित मणिपुर में 2015 के बाद सबसे भीषण बाढ़, 2 की मौत- हजारों लोग फंसे

Manipur Flood: पूर्वोत्तर क्षेत्र चक्रवाती तूफान 'रेमल' के प्रभाव से जूझ रहा है, जिसने एक दिन पहले इस क्षेत्र में कहर बरपाया था.

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मणिपुर (Manipur) की राजधानी इंफाल में बुधवार (29 मई) को आई बाढ़ ने कहर बरपाया है. हाल के दिनों में आई सबसे खतरनाक बाढ़ से इंफाल में हजारों लोग प्रभावित हुए. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, पहाड़ी जिले सेनापति में तूफान से जुड़ी घटनाओं के कारण कम से कम दो लोगों की मौत हो गई. जबकि निचले इलाकों में फंसे लोगों को निकालकर ऊंचे इलाकों में पहुंचाने के लिए बचाव अभियान जारी है.

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इससे पहले पूर्वोत्तर क्षेत्र चक्रवाती तूफान 'रेमल' के प्रभाव से जूझ रहा है, जिसने एक दिन पहले इस क्षेत्र में कहर बरपाया था.

ग्रेटर इंफाल क्षेत्र से होकर बहने वाली इंफाल और नम्बुल दोनों नदियां अपने उफान पर हैं, जो मंगलवार (28 मई) से खतरे के स्तर से ऊपर है, जिसके परिणामस्वरूप, कई इलाकों में कमर तक पानी भर गया है.

दो की मौत, तीन घायल

अधिकारियों के अनुसार, सेनापति-थोंगलांग रोड पर भूस्खलन में 34 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई और इसी घटना में तीन अन्य घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. सेनापति नदी में 83 वर्षीय एक महिला डूब गई.

राज्य राहत एवं आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, मणिपुर के लगभग सभी जिलों में बाढ़ ने कहर बरपाया है, जिसमें घाटी में इंफाल ईस्ट और पहाड़ियों में तामेंगलोंग सबसे अधिक प्रभावित है.

हम बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन कर रहे हैं. बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे हमारे अधिकारियों ने अभी तक अपनी रिपोर्ट जमा नहीं की है. हालांकि, यह मणिपुर में 1988 और 2015 के बाद आई सबसे भीषण बाढ़ है.
अधिकारी, राज्य राहत एवं आपदा प्रबंधन विभाग

राज्यपाल ने जताया दुख

अधिकारी ने कहा, "बचाव अभियान जारी है."

मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने गहरी चिंता व्यक्त की और कहा कि घाटी और पहाड़ी जिलों में घरों और संपत्तियों को हुए नुकसान से वह दुखी हैं.

घाटी और पहाड़ी जिलों के निचले इलाके भारी मात्रा में जलमग्न हो गए हैं. इसके अलावा, राज्य और राष्ट्रीय राजमार्ग 37 और 2 पर भूस्खलन ने आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के मुख्य मार्गों को बाधित कर दिया है.
अनसुइया उइके, राज्यपाल, मणिपुर

मुख्यमंत्री ने की सहयोग की अपील

मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह ने कहा,"मैं राज्य के विभिन्न बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव अभियान चलाने और बहुमूल्य जीवन बचाने में स्थानीय अधिकारियों का सहयोग करने के लिए एनडीआरएफ, भारतीय सेना और असम राइफल्स की टीमों की सराहना करता हूं.

एनडीआरएफ के 40 कर्मी और 6 अतिरिक्त मोटरबोट भी इम्फाल पहुंच चुके हैं. मैं सभी से आग्रह करता हूं कि वे बचाव दलों को सहयोग दें क्योंकि वे सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपना कर्तव्य निभा रहे हैं."

रेस्क्यू अभियान जारी

आपदा प्रबंधन अधिकारी ने बताया कि 29 मई को बड़ी संख्या में एनडीआरएफ के जवान पहुंचेंगे, साथ ही वायुसेना द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरण भी पहुंचेंगे, ताकि चल रहे बचाव अभियान में मदद मिल सके.

असम राइफल्स ने एक बयान में कहा कि कई स्थानों पर राहत प्रयासों की आवश्यकता है, नागरिक प्रशासन ने भारतीय सेना और असम राइफल्स से 28 मई की रात और 29 मई को सुबह 11 बजे तक बचाव और राहत अभियान चलाने के लिए यूनिट उपलब्ध कराने का अनुरोध किया.

बयान में कहा गया है कि इन सुरक्षा बलों द्वारा इंफाल में चल रहे राहत अभियान में 300 से अधिक व्यक्तियों को बचाया गया है.

असम के 8 जिले बाढ़ से प्रभावित

इस बीच, बुधवार को असम के आठ जिले भी बाढ़ से प्रभावित हुए, जिनमें से 155 लोगों को बराक घाटी के करीमगंज और कछार जिलों में राहत शिविरों में ले जाया गया, जो नदी के तटबंध टूटने से भी प्रभावित हुए थे. करीमगंज में एक व्यक्ति की भी मौत हो गई.

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