मणिपुर सरकार ने स्थानीय प्रशासन को एक आदेश जारी कर कहा है कि वो भारत में शरण चाहने वाले म्यांमार के नागरिकों को 'विनम्रता के साथ वापस भेज दे.' मिंट की एक रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी गई है.
इस आदेश में यह भी कहा गया है, ‘’जिला प्रशासन को, खाना और आश्रय देने के लिए कोई कैंप नहीं खोलना चाहिए. गंभीर चोटों के मामले में, मानवीय विचार पर मेडिकल अटेंशन दिया जा सकता है.’’
यह आदेश चंदेल, टेंगनौपाल, कामजोंग, उखरुल और चुराचांदपुर जिलों के डिप्टी कमिश्नरों को जारी किया गया है.
मणिपुर सरकार ने कहा है, ‘’पड़ोसी देश म्यांमार में हो रही घटनाओं के नतीजे के रूप में, यह बताया गया है कि देश के नागरिक भारत में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं.’’ उसने कहा है, ‘’(भारत में) प्रवेश करने की कोशिश करने वाले/शरण चाहने वाले लोगों को विनम्रतापूर्वक लौटा दिया जाए.’’
सरकार ने अपने आदेश में कहा है, ''आधार एनरोलमेंट को तत्काल रोक दिया जाना चाहिए और आधार एनरोलमेंट किट्स को सुरक्षित कस्टडी में रखा जाना चाहिए.''
बता दें कि म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं. प्रदर्शनकारी निर्वाचित सरकार को बहाल करने की मांग कर रहे हैं. वहीं सुरक्षाबल प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसक कार्रवाई कर रहे हैं. न्यूज एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट में बताया गया है कि 1 फरवरी से ऐसी कार्रवाइयों में 400 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है.
एनडीटीवी के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र में म्यांमार राजदूत ने भारत सरकार और कई राज्य सरकारों से म्यांमार में मानवीय संकट को देखते हुए शरणार्थियों को आश्रय देने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि दोनों देशों का "एक लंबा इतिहास रहा है, इसे कभी नहीं भूलना चाहिए."
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)