मणिपुर विधानसभा चुनाव में बहुमत के आंकड़े से कम सीटें होने के बावजूद भी बीजेपी ने एलायंस के जरिए मिली जुली सरकार बना ली थी. लेकिन अब एक महीने के अंदर ही एलायंस में दरार दिखती नजर आ रही है.
मणिपुर के हेल्थ मिनिस्टर और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के विधायक एल.जयंतकुमार ने मुख्यमंत्री एन. वीरेन सिंह की दखलअंदाजी को लेकर शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
हाल ही में बिना जानकारी के मणिपुर के स्वास्थ निदेशक को हटा दिया गया. जिस तरह उन्हें हटाया गया है इससे पता चलता है कि मेरे काम में दखल दिया गया है. उन्हें मंत्री बनाने के लिए वह मुख्यमंत्री के शुक्रगुजार हैं. लेकिन अपने काम में दखलंदाजी के कारण वह अपने पद पर बने रहने में सक्षम नहीं हैं.
जयंत कुमार के पास स्वास्थ मंत्रालय के साथ-साथ तीनऔर विभागों की भी जिम्मेदारी थी. आईएएनएस के मुताबिक मुख्यमंत्री एन.वीरेन सिंह राजनीतिक टकराव को टालने के लिए नई दिल्ली पहुंचे हैं, जहां पार्टी आलाकमान के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे.
सूत्रों का कहना है कि एनपीपी के कुछ अन्य विधायक, जिन्हें मंत्री बनाया गया है, वह भी अपने विभाग को लेकर नाखुश हैं.
बीजेपी ने कैसे जुटाए आंकड़े?
मणिपुर में विधानसभा की कुल 60 सीटें हैं. हाल ही में हुए चुनाव में कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 28 सीटें जीती थीं. वहीं बीजेपी को 21 सीटें मिली थी. ऐसे में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था. सरकार बनाने के लिए 31 सीटें की दरकार थी.
इन दो बड़ी पार्टियों के अलावा नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) और नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) को 4-4 सीटें मिली थी. साथ ही तृणमूल कांग्रेस, एलजेपी और निर्दलीय के खाते में एक-एक सीट गई थी.
बीजेपी ने एनपीएफ और एनपीपी की चार-चार सीटें, लोजपा की एक सीट और एक इंडिपेंडेंट के समर्थन से सरकार बनाई है.
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