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'मणिपुर की खराब कानून-व्यवस्था से केंद्र को अवगत कराएं', गवर्नर से बोला विपक्ष

Opposition Manipur Visit: पहले दिन विपक्षी सांसदों ने हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित चुराचांदपुर का जायजा लिया.

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मणिपुर (Manipur Violence) बीते लगभग तीन महीनों से कुकी और मैतेई समुदाय के बीच जातीय हिंसा की आग में झुलस रहा है. विपक्षी गठबंधन 'INDIA' का एक प्रतिनिधिमंडल (Opposition Alliance) राज्य के दौरे पर है. विपक्ष के दौरे का आज (30 जुलाई) को दूसरा और आखिरी दिन है. विपक्षी सांसदों ने आज राजभवन पहुंचकर राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपा.

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विपक्षी सांसदों ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

विपक्षी गठबंधन INDIA के प्रतिनिधिमंडल ने आज मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें उनसे सभी प्रभावी कदम उठाते हुए शांति और सद्भाव बहाल करने का अनुरोध किया गया. ज्ञापन में कहा गया है,

"आपसे यह भी अनुरोध है कि आप केंद्र सरकार को पिछले 89 दिनों से मणिपुर में कानून-व्यवस्था के पूरी तरह से खराब होने के बारे में अवगत कराएं ताकि उन्हें शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए मणिपुर में अनिश्चित स्थिति में हस्तक्षेप करने में सक्षम बनाया जा सके."

राज्यपाल से मुलाकात के बाद कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि, "हमने मणिपुर में अपने दो दिनों के अनुभव उनके साथ साझा किए, जिस पर उन्होंने भी सहमति जताई है. उन्होंने कहा कि आप सभी समुदाय के नेताओं से बात कीजिए और समस्या का समाधान निकालिए."

"मणिपुर में राशन और दवाई सब बंद है. छात्रों की पढ़ाई बंद हो चुकी है. हम सदन में सरकार पर दबाव बनाएंगे. केंद्र व राज्य सरकार की खामियों और जनता की शिकायतों को सदन में रखेंगे. मणिपुर के हालात बिगड़ते जा रहे हैं. देश की सुरक्षा का खतरा पनप रहा है. इसका जल्द ही समाधान होना चाहिए."

रिलीफ कैंपों का दौरा, संगठनों से मुलाकात

दौरे के पहले दिन विपक्षी सांसदों ने हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में से एक चुराचांदपुर में हालात का जायजा लिया. सांसद रिलीफ कैंपों के दौरे पर गए. कांग्रेस नेता गौरव गोगोई बाकी लोगों की एक टीम चुराचांदपुर के डॉन बॉस्को स्कूल में एक राहत शिविर में गई. मीडिया से बात करते हुए गोगोई ने कहा,

"हमने कुल 4 राहत शिविरों का दौरा किया है, चुराचांदपुर में 2, इंफाल में 1 और मोइरांग में 1. हर कोई शांति चाहता है और हर कोई अपना जीवन बनाना चाहता है. हम अपनी दूसरी टीम के साथ मिलेंगे और अपने अनुभव साझा करेंगे."

हिंसा के बीच जिन 2 कुकी महिलाओं को नग्न अवस्था में परेड कराने का वीडियो वायरल हुआ था उसमें एक महिला की मां से मुलाकात करने के बाद डीएमके नेता कनिमोझी ने कहा "वे न्याय चाहते हैं, वे और क्या चाहेंगे? एक ऐसी महिला को देखना बहुत दुखद है जिसकी बेटी को परेशान किया गया और उसका रेप हुआ. उसने उसी दिन अपने पति और बेटे को खो दिया."

विपक्षी प्रतिनिधिमंडल ने चुराचांदपुर में कुकी संगठनों के एक समूह, इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की. ITLF ने विपक्षी सांसदों को चिट्ठी लिखकर कुकी समुदाय के लिए अलग प्रशासन की मांग उठाने को कहा. ILTF ने अपने दो पेज के ज्ञापन में कहा,

"हम आपसे अनुरोध करते हैं कि मणिपुर से अलग प्रशासन की हमारी मांग का समर्थन करके इस हमले से बचने में हमारी मदद करें और केंद्र सरकार से हिंसा को खत्म करने के लिए मणिपुर में तुरंत राष्ट्रपति शासन लागू करने का आग्रह करें."

राज्यपाल ने भी लिया हालात का जायजा

राज्यपाल ने बीते दिन चुराचांदपुर में एक राहत शिविर का दौरा भी किया. उन्होंने हालात का जायजा लेते हुए और कैंप में बच्चों के बीच चॉकलेट और राहत सामग्री बांटी. राज्यपाल का चुराचांदपुर में हिंसा के बाद से ये दूसरा दौरा था. उन्होंने कहा,

''मैं समझती हूं कि राहत शिविरों में लोग काफी कठिनाइयों से गुजर रहे हैं. मैंने जिला अधिकारियों को ये सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि रिलीफ कैंपों में लोगों को जरूरी चीजें मिलें. उइके ने चुराचांदपुर में कहा, हम दोनों समुदायों, कुकी और मैतेई के बीच शांति बहाल करने की दिशा में काम कर रहे हैं."

जिन 2 महिलाओं को नग्न परेड कराने का वीडियो वायरल हुआ था, राज्यपाल ने उनके परिवारों को 10-10 लाख रुपये के चेक भी सौंपे. इस घटना का वीडियो 19 जुलाई को सामने आया था, और घटना 4 मई को घटित हुई थी.

मणिपुर 3 मई के बाद से हिंसा की चपेट में है. इसमें अब तक कम से कम 150 लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 50 हजार लोग विस्थापित हुए हैं. विपक्ष मणिपुर के मुद्दे पर संसद के अंदर और बाहर सरकार को लगातार घेर रहा है. विपक्ष का जो प्रतिनिधिमंडल दौरे पर है उसमें 16 अलग-अलग दलों के 20 सांसद हैं.

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