चुंगरेंग कोरेन (Chungreng Koren), जिन्हें 'इंडियन राइनो' के नाम से भी जाना जाता है, ने मार्च में मैट्रिक्स फाइट नाइट (MFN)-14 में एमएमए की दुनिया में बड़ी जीत हासिल की. लेकिन जिस बात ने सबका ध्यान खींचा वह सिर्फ उनकी जीत नहीं थी. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी अपील थी, जिसमें उन्होंने लगभग एक साल से जातीय संघर्षों में दम तोड़ रहे अपने गृह राज्य मणिपुर (Manipur) में शांति लाने के लिए मदद मांगी थी.
कोरेन की अपील सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई, जिसके बाद अब हर जगह उनकी चर्चा हो रही है.
मैंने इसे अपने मन से कहा. किसी ने मुझसे ऐसा करने के लिए नहीं कहा. मैंने कोई राजनीतिक बयानबाजी नहीं की. मैं एक ईमानदार खिलाड़ी हूं.चुंगरेंग कोरेन, मणिपुर के प्रो एमएमए फाइटर
बड़ी मुकाबले के लिए कोरेन ने बेंटमवेट वर्ग में क्वालीफाई करने के लिए एक महीने में 18 किलोग्राम वजन कम किया. हर दिन थकावट और चोटों से गुजरते हुए उन्होंने घंटों तक ट्रेनिंग ली.
मैं रोजाना 6-7 घंटे प्रैक्टिस करता हूं. मुझे मुकाबलों में मजा आता है. कभी-कभी मैच के दौरान मुझे ऐसा लगता है कि मैं मर जाऊंगा.' मेरा शरीर अगले मैच के लिए थक जाता है. लेकिन मैं कभी हार नहीं मानता.चुंगरेंग कोरेन, मणिपुर के प्रो एमएमए फाइटर
कोरेन बचपन में देखी गई थाई मार्शल आर्ट फिल्मों से प्रेरित होकर लगभग 2017-18 में एमएमए से जुड़े. रिंग में अपने विपक्षी पर हावी होने के स्वभाव के वजह से उनके कोच ने उन्हें 'इंडियन राइनो' उपनाम दिया था.
कोरेन की मां, पत्नी और तीन बच्चे मणिपुर में अपने घर लौट गए हैं. राज्य में हिंसा के अंतहीन चक्र ने उनके परिवार और राज्य के लगभग सभी लोगों को जिस तरह प्रभावित किया है, उसके कारेन साक्षी हैं. शायद यही कारण है कि कोरेन अपनी एमएमए सफलता का इस्तेमाल लोगों का ध्यान मणिपुर की ओर आकर्षित करने के लिए कर रहे हैं, ताकि लगभग एक साल से जल रहे राज्य में शांति की अपील की जा सके.
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