Manipur Violence: जिस दिन मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने संघर्षग्रस्त मणिपुर में उभरती स्थिति पर चर्चा करने के लिए दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की, कांग्रेस ने संकट से निपटने के लिए बीजेपी सरकार पर अपना हमला तेज कर दिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाये.
दिल्ली में हुई थी ऑल पार्टी मीटिंग
मणिपुर संकट पर चर्चा के लिए शाह द्वारा सर्वदलीय बैठक करने और राजनीतिक दलों को आश्वासन देने के एक दिन बाद कि राज्य में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है. मणिपुर के 10 विपक्षी दलों ने राष्ट्रीय राजधानी में एक सम्मेलन आयोजित किया, जहां कांग्रेस ने एक बार फिर बीरेन सिंह को सीएम पद से हटाने की मांग की.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि बीरेन सिंह अप्रभावी साबित हुए हैं और उनके नेतृत्व में मणिपुर में शांति बहाल नहीं की जा सकती.
मणिपुर के पूर्व सीएम ने लगाया आरोप
मणिपुर के पूर्व सीएम ओकराम इबोबी सिंह ने आरोप लगाया कि शाह द्वारा की गई सर्वदलीय बैठक एक दिखावा थी और उन्होंने अपना आरोप दोहराया कि बैठक में उन्हें अपनी बात रखने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया.
बैठक में कौन-कौन शामिल हुआ?
कांग्रेस नेताओं के अलावा, मणिपुर में शांति पर राष्ट्रीय सम्मेलन में CPI महासचिव डी राजा, CPI (M) नेता हन्नान मोल्ला और नीलोत्पल बसु, फॉरवर्ड ब्लॉक महासचिव जी देवराजन और मणिपुर के कई विपक्षी नेताओं ने भाग लिया.
कांग्रेस ने बीजेपी और सीएम पर साधा निशाना
केंद्र सरकार पर हमला करते हुए रमेश ने कहा कि पीएम मोदी चुप हैं जबकि मणिपुर जल रहा है. उन्होंने गृह मंत्री शाह को अप्रभावी और सीएम बीरेन सिंह को गैर-कार्यात्मक कहा.
बीरेन सिंह के मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का हर एक मिनट मणिपुर में शांति लाने और सुलह प्रक्रिया शुरू करने के प्रयासों में बर्बाद हुआ मिनट है. उनका मुख्यमंत्री पद पर बने रहना संदेह से परे अस्थिर है.जयराम रमेश, कांग्रेस नेता
कांग्रेस नेता ने दी सलाह
कांग्रेस नेता ने आगे कहा, "आगे बढ़ने के लिए, सीएम को तुरंत बदला जाना चाहिए और दो बुनियादी कदम उठाए जाने चाहिए - बिना किसी भेदभाव के सभी सशस्त्र समूहों को निर्दयतापूर्वक निरस्त्र करना और विश्वास, सद्भाव और सुलह का माहौल बनाने की प्रक्रिया शुरू करना."
मणिपुर में कैसे होगी शांति?
रमेश ने यह भी कहा, ''आप एकमत नहीं हो सकते लेकिन आम सहमति हो सकती है. इसी तरह भारत का संविधान बनाया गया था, इसलिए आम सहमति से ही, सबकी बात सुनकर, संवेदनशील होकर ही आप वास्तव में (मणिपुर में) विश्वास बहाल कर सकते हैं. यह एक लंबी प्रक्रिया होगी. यह हफ्तों में नहीं होने वाला है, इसमें महीनों लगेंगे, इसमें कई साल लग सकते हैं लेकिन हमें प्रक्रिया शुरू करनी होगी.''
रमेश ने कहा कि इबोबी सिंह को कुछ हद तक व्यवस्था बहाल करने में 10 साल लग गए और फिर मणिपुर में विकास की प्रक्रिया शुरू हुई. उन्होंने कहा, "हम इस उम्मीद में रहते हैं कि मणिपुर जो भारत में विविधता के माध्यम से एकता का उदाहरण था, उसे जल्द से जल्द सामान्य स्थिति के रास्ते पर वापस लाया जाएगा."
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