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मणिपुर पहुंची CBI, इंफाल में कर्फ्यू, स्कूल-इंटरनेट बंद, पिछले 24 घंटे में क्या-क्या हुआ?

Manipur Violence: मणिपुर में मैतेई छात्रों की हत्या के विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्र, सुरक्षाबलों से झड़प में 50 छात्र घायल.

Published
भारत
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मणिपुर में फिर से हिंसा (Manipur Violence) भड़क गई है. दो मैतेई छात्रों की हत्या के बाद सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों के कारण फिर से विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया है. राज्य में हालात ना बिगड़े इसके लिए सरकार ने इंटरनेट पर बैन लगा दिया है. 27 सितंबर को राज्य सरकार ने कुछ इलाकों को छोड़कर पूरे मणिपुर को अशांत क्षेत्र घोषित कर दिया है. वहीं, इंफाल पूर्वी और पश्चिमी में कर्फ्यू लगा दिया गया है. राज्य के हालात पिछले 24 घंटे में और तनावपूर्ण हो गए हैं, ऐसे में जानते हैं कि इस दौरान क्या-क्या हुआ?

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मणिपुर सरकार ने इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम में पूर्ण कर्फ्यू लगा दिया गया है. इस दौरान इमरजेंसी सेवाओं को छूट रहेगी. बता दें एक दिन पहले ही कर्फ्यू में ढील दिया गया था.

राज्य सरकार ने 27 सितंबर को सात जिलों के 19 पुलिस स्टेशन को छोड़कर मणिपुर के सभी हिस्सों में AFSPA को 1 अक्टूबर से अगले छह महीने के लिए बढ़ा दिया है.

मणिपुर पहुंची CBI टीम

सीएम बीरेन सिंह ने बताया कि दो युवाओं की मौत की जांच के लिए सीबीआई टीम 27 सितंबर को मणिपुर पहुंच गई है. राज्य के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने 27 सितंबर को मीडिया से कहा...

दो नाबालिग की मौत के मामले को हमने सीबीआई को सौंप दिया था. कुकी उग्रवादियों ने जो किया, वो अत्यंत निंदनीय है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कल मुझे फोन कर कहा कि सीबीआई निदेशक के साथ सीबीआई टीम को भेज रहे हैं. वे आज दोपहर यहां पहुंच गए. मैं मणिपुर के लोगों से वादा करना चाहता हूं कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि अपराधी को अधिकतम सजा मिले...''
बीरेन सिंह, मणिपुर के मुख्यमंत्री
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इंटरनेट पांच दिन के लिए बंद

इंफाल में जारी विरोध प्रदर्शन के बाद 26 सितंबर को राज्य सरकार ने इंटरनेट सेवा बंद कर दी. राज्य में पांच दिनों के लिए इंटरनेट पर बैन लगा दिया गया. मोबाइल इंटरनेट डेटा सेवाएं, वीपीएन के माध्यम से इंटरनेट व डेटा सर्विस 1 अक्टूबर 2023 की शाम 7.45 तक सस्पेंड रहेगी.

सभी स्कूल बंद

वहीं, राज्य सरकार ने तनाव को देखते हुए एहतियातन 27 सितंबर यानी बुधवार और 29 सितंबर यानी शुक्रवार को सभी स्कूलों को बंद करने का निर्देश दे दिया.

कैसे फिर से 'अशांत' हुआ मणिपुर?

जाम लिनथोइनगांबी और फिजाम हेमजीत, दोनों छात्र पिछले दो महीनों से लापता थे. उनके शव की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई, जिसके बाद राज्य के हालात बिगड़ गए. जिसके बाद दोनों नाबालिग की हत्या के विरोध में फिर से हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए.

सुरक्षाबलों के साथ झड़प में 50 छात्र घायल

26 सितंबर को सैकड़ों छात्र हत्याओं के विरोध में सड़कों पर उतर गए. उन्होंने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के आवास की ओर मार्च करने की कोशिश की लेकिन सुरक्षाबलों ने उन्हें रोक लिया.

प्रदर्शन कर रही भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले और धुआं बम छोड़े. झड़प में 50 छात्र घायल हो गए.

इधर, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने मणिपुर में जारी हिंसा की स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरा है. उन्होंने पीएम से मांग की कि बीजेपी के 'अक्षम' मुख्यमंत्री को बर्खास्त किया जाना चाहिए.

मणिपुर CM को बर्खास्त करें PM: खड़गे

उन्होंने सोशल मीडिया 'एक्स' पर ट्वीट कर लिखा "147 दिनों से मणिपुर के लोग परेशान हैं, लेकिन पीएम मोदी के पास राज्य का दौरा करने का समय नहीं है. इस हिंसा में छात्रों को निशाना बनाए जाने की भयावह तस्वीरों ने एक बार फिर पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. अब यह स्पष्ट है कि इस संघर्ष में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा को हथियार बनाया गया था."

उन्होंने आगे लिखा...

"खूबसूरत राज्य मणिपुर को बीजेपी के कारण युद्ध के मैदान में बदल गया है! अब समय आ गया है, पीएम मोदी बीजेपी के अक्षम मणिपुर मुख्यमंत्री को बर्खास्त करें. आगे आनेवाले किसी भी उथल-पुथल से निपटने के लिए यह पहला कदम होगा."
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"केंद्र सरकार को शर्म आनी चाहिए": प्रियंका गांधी

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट कर मणिपुर की घटना पर प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने लिखा " मणिपुर से और भी चौंकाने वाली खबर. बच्चे जातीय हिंसा के सबसे अधिक शिकार होते हैं. यह हमारा कर्तव्य है कि हम उनकी सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास करें. मणिपुर में हो रहे भयानक अपराध शब्दों से परे हैं, फिर भी उन्हें बदस्तूर जारी रहने दिया जा रहा है. केंद्र सरकार को अपनी निष्क्रियता पर शर्म आनी चाहिए."

हम मणिपुर के साथ खड़े हैं: ममता बनर्जी

ममता बनर्जी ने ट्वीट कर लिखा "मणिपुर में दो युवाओं के शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना. उनकी मांओं की चीखों में झलकते दर्द और दुःख ने मुझ पर गहरा प्रभाव डाला है. राज्य सरकार का जिम्मेदारी स्वीकार करने से इनकार करना और केंद्र सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करने में विफलता देखना निराशाजनक है. इम्फाल में शांतिपूर्ण छात्र प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हालिया हिंसा अस्वीकार्य है. हम न्याय और एकता की मांग करते हुए मणिपुर के साथ खड़े हैं."

11 साल की पर्यावरण कार्यकर्ता ने की पीएम मोदी से अपील

वहीं, एक 11 साल की पर्यावरण कार्यकर्ता लिसीप्रिया कंगुजम ने पीएम मोदी से अपील की है. लिसीप्रिया कंगुजम ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर पीएम से गुहार लगाई है. उन्होंने लिखा "पीएम मोदी, यह आपके लिए मेरा अर्जेंट मैसेज है. मणिपुर के साथ जैसा आप व्यवहार कर रहे हो, वो ठीक नहीं है.

आपकी चुप्पी समाधान नहीं है. हम शांति के लिए और अधिक जीवन का बलिदान देने के लिए तैयार हैं. अपनी असफलताओं के लिए बच्चों की जान की बलि देना किसी भी कीमत पर अस्वीकार्य है. हम मणिपुर के लिए न्याय चाहते हैं. हम लिंथोइगांबी और हेमनजीत के लिए न्याय चाहते हैं."

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