मणिपुर (Manipur Violence) के तेंगनोउपल (Tengnoupal) जिले में सोमवार, 4 दिसंबर दोपहर अचानक हिंसा भड़क गई जिसमें कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई है. सुरक्षा बलों ने सैबोल के नजदीक लेतिथू गांव के पास दो मिलिटेंट समूहों के बीच गोलीबारी को लेकर सूचना दी है.
13 मृतकों की पहचान पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, हालांकि सूत्रों ने कहा कि वे स्थानीय निवासी नहीं लग रहे हैं.
हिंसा के जवाब में मणिपुर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. अधिकारियों ने अभी तक सोमवार, 4 दिसंबर की गोलीबारी में शामिल आतंकवादी समूहों के बारे में कोई खुलासा नहीं किया है.
मणिपुर में 3 मई से मैतेई और कुकी समुदायों के बीच झड़पों के कारण अशांति फैली हुई है. मृतकों की संख्या गंभीर है, कम से कम 182 लोगों की जान चली गई और लगभग 50,000 लोग विस्थापित हो गए हैं.
फिलहाल मणिपुर में क्या चल रहा है?
मणिपुर के सबसे पुराने सशस्त्र समूह यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) ने बुधवार, 29 नवंबर को केंद्र सरकार और मणिपुर राज्य सरकार के साथ एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर ट्वीट किया कि, समझौते के हिस्से के रूप में, यूएनएलएफ ने हिंसा छोड़ दी है और मुख्यधारा में शामिल हो गया है.
यूएनएलएफ समझौते की घोषणा के चार दिन बाद, पूर्वोत्तर राज्य के कुछ सीमावर्ती क्षेत्रों को छोड़कर मणिपुर में इंटरनेट शटडाउन हटा लिया गया है. मोबाइल इंटरनेट सेवाएं सात महीने पहले बंद कर दी गई थीं और सितंबर में थोड़े समय के लिए बहाल की गईं.
1 दिसंबर को, लाइव लॉ के मुताबिक, मणिपुर हाई कोर्ट ने कहा था कि, "राज्य में इंटरनेट शटडाउन "जारी नहीं रह सकता" क्योंकि यह "न्याय को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है."
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