Manipur Violence: मणिपुर में दो सप्ताह तक लगातार शांति बहाली होने के बाद फिर से गुरुवार को हुई हिंसा को देखते हुए इंफाल सहित सीमांत क्षेत्र में जवानों की तैनाती के लिए केंद्र ने सुरक्षा के नए नियम को मंजूरी दे दिया है.अब मणिपुर के एक जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग फोर्स की कई टुकड़ियों को तैनात करने के बजाय एक पूरे जिले की सुरक्षा की जिम्मेदारी एक ही फोर्स को देने का फैसला किया है.
राज्य में फिर से बढ़ रही हिंसा को रोकने के लिए सुरक्षा इंतजाम को पुख्ता करते हुए पहले "बफर जोन" बनाने का फैसला किया गया था, ताकि घाटी के लोगों को वादियों की ओर जानें से रोका जा सकें. लेकिन इसका उलटा असर देखने को मिला है.
बीते गुरुवार को इंफाल के पश्चिमी कांगपोपकी इलाके में हुई जातीय- हिंसा में दो आम नागरिकों की मौत की खबर सामने आई है. साथ ही बीते कुछ दिनों में हुई फिर से हुई हिंसा और आगजनी की घटनाओं ने मणिपुर की सुरक्षा-व्यवस्था पर फिर से सवाल उठने लगे है.
इसके अलावा सुरक्षा के बेहतर इंतेजाम के लिए अलग-अलग फोर्स के जवानों के बीच बेहतर समन्वय का नहीं होना भी चूंक की बड़ी वजह मानी जा रही है. पिछली घटनाओं पर विचार करते हुए केंद्र ने एक जिलों के अलग- अलग क्षेत्रों में कई सैन्य टुकड़ियां तैनात करने बजाय जवानों के एक जत्थे को एक जिले में बहाल करने फैसला करते हुए मणिपुर में हालात को सामान्य स्थिति में लाने का हल निकाला है.
Indian Express के मुताबिक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी कहते है कि " मणिपुर में लागू की गई नई सुरक्षा नीति के फैसले का असर यह होगा कि सुरक्षा के लिए तैनात किए गए जवानों को साहस मिलेगा, साथ ही जरुरी समानों के प्रबंधन में भी सहायता मिलेगी. अगर मणिपुर के हिंसा प्रभावित जिले बिश्नुपुर और चुराचांदपुर की बात की जाए तो BSF को सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है. अगर कोई भी चूंक होती है तो इसकी जबावदेही भी BSF को ही तय करनी पड़ेगी.
इसका असर यह होगा की कंमाडर को अविलंब फैसले लेने में सहूलियत होगी, साथ ही सेना को हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में उतारने के लिए एक आदेश का ही अनुपालन करना होगा. इसके पुर्व सैन्य टुकड़ियों के बीच समन्वय स्थापित करने में काफी बातचीत और विचार करने की जरुरत होती थी.
मणिपुर में फिलहाल 40000 से अधिक केंद्रीय सुरक्षा बल के जवानों की तैनाती की गई है. जिसमें असम राइफल्स, भारतीय सेना, BSF, CRPF, ITBP के जवान शामिल है. सीमांत क्षेत्र वाले जिलों में फिलहाल अलग-अलग केंद्रीय सुरक्षा बल की टुकड़ियों की तैनाती की गई है.
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