देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पीएम मोदी पर मीडिया को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि लोग कहते हैं मैं एक साइलेंट पीएम था. लेकिन मैं एक ऐसा पीएम नहीं था जिसे मीडिया से बात करने पर डर लगता था.
मीडिया से नहीं बनाई कभी दूरी
मनमोहन सिंह ने अपनी बुक 'चेंजिंग इंडिया' के लॉन्च के मौके पर कहा, 'जो लोग मुझे चुप रहने वाला प्रधानमंत्री कहते थे उनके लिए मेरी ये किताब जवाब की तरह है. मैं कभी भी प्रेस से बात करने से नहीं कतराया. मैं मीडिया से लगातार संपर्क में रहता था और विदेश यात्रा से लौटने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करता था.
पूर्व प्रधानमंत्री और इकनॉमिस्ट मनमोहन सिंह ने रिजर्व बैंक और सरकार के बीच चल रहे गतिरोध पर कहा, रिजर्व बैंक और केंद्र सरकार को एक दूसरे के साथ मिलकर काम करना होता है. इसीलिए मुझे उम्मीद है कि रिजर्व बैंक और केंद्र सही दिशा में एक साथ काम करने का कोई न कोई रास्ता तलाश लेंगे.
बता दें कि पीएम मोदी ने पिछले कई सालों से मीडिया से दूरी बना रखी है. गुजरात के सीएम रहने के दौरान से ही उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस करना बंद कर दिया था. तभी से मोदी पर मीडिया से दूरी बनाने के आरोप लगते रहे हैं. वहीं पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को बीजेपी के कई नेता मौन पीएम कहकर संबोधित कर चुके हैं. खुद पर लगे मौन रहने के आरोपों पर बोलते हुए उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला है.
बता दें कि पीएम मोदी ने पिछले कई सालों से मीडिया से दूरी बना रखी है. गुजरात के सीएम रहने के दौरान से ही उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस करना बंद कर दिया था. तभी से मोदी पर मीडिया से दूरी बनाने के आरोप लगते रहे हैं. वहीं पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को बीजेपी के कई नेता मौन पीएम कहकर संबोधित कर चुके हैं. खुद पर लगे मौन रहने के आरोपों पर बोलते हुए उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला है.
मैं एक्सीडेंटल फाइनेंस मिनिस्टर भी रहा हूं
डॉ. मनमोहन सिंह ने अपने भाषण में उस दौर का जिक्र भी किया जब पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में उन्हें वित्त मंत्री बनाया गया था. उन्होंने कहा कि मुझे लोग एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर कहते हैं, लेकिन मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि मैं एक एक्सीडेंटल फाइनेंस मिनिस्टर भी रहा हूं.
कर्जमाफी का किया स्वागत
मनमोहन सिंह ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में किसानों की कर्जमाफी का स्वागत किया. उन्होंने कहा, हमें इस फैसले का सम्मान करना चाहिुए. यह चुनावी घोषणा पत्र में शामिल था और इसे पूरा करने की जिम्मेदारी हमारी है. इसीलिए राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इसकी घोषणा की.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)