देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इकनॉमी को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. मनमोहन सिंह ने कहा कि मौजूदा सरकार 'मंदी' शब्द को मानने को तैयार ही नहीं है, और असली खतरा यही है कि अगर समस्या को पहचाना नहीं गया, तो सुधारात्मक कार्रवाई करने के लिए जवाब खोजने की संभावना नहीं है.
‘मुझे लगता है कि इन मुद्दों पर बहस होगी और इस पर बहस होनी चाहिए क्योंकि हमारे पास आज एक ऐसी सरकार है जो स्वीकार ही नहीं करती है कि ‘मंदी’ जैसा कोई शब्द है. मुझे लगता है कि ये हमारे देश के लिए अच्छा नहीं है.’मनमोहन सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री
पूर्व पीएम ने कहा कि अगर समस्याओं को पहचाना नहीं जाएगा, तो सही कार्रवाई के लिए उचित जवाब नहीं मिलेंगे और यही असली खतरा है.
मोंटेक सिंह अहलूवालिया की किताब 'बैकस्टेज' के लॉन्च के मौके पर सिंह ने कहा, पूर्व प्लानिंग कमीशन के डिप्टी चेयरमैन ने अच्छे के साथ-साथ यूपीए सरकार के कमजोर प्वॉइंट्स के बारे में भी लिखा है. मनमोहन सिंह ने कहा कि ये किताब देश के भविष्य के विकास में मदद करेगी.
‘मोंटेक ने ये भी बताया कि सत्ताधारी दल आज ये भी कह सकता है कि साल 2024-25 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की इकनॉमी सिर्फ एक इच्छा रखने वाली सोच है. इसके साथ ही ये उम्मीद रखने का कोई भी कारण नहीं है कि अगले तीन सालों में किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी.’मनमोहन सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री
सिंह ने 1990 के दशक में अर्थव्यवस्था के उदारीकरण के समर्थन और अलग-अलग तबकों के विरोध के बावजूद सुधारों को पूरा करने में सक्षम बनाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और मोंटेक सिंह अहलूवालिया द्वारा निभाई गई भूमिका की भी तारीफ की.
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