भीषण गर्मी में झुलस रहे लोगों के लिए थोड़ी राहत भरी खबर है, मॉनसून ने शनिवार को केरल में दस्तक दे दी है. आमतौर पर मॉनसून 1 जून तक केरल पहुंच जाता है, लेकिन इस बार एक हफ्ते लेट केरल पंहुचा है. केरल के कई इलाकों में भारी बारिश दर्ज की गई है.
मौसम विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, लक्षद्वीप के ऊपर चक्रवाती क्षेत्र बना हुआ है. वहीं दक्षिण-पूर्व अरब सागर में लो प्रेशर क्षेत्र भी बन रहा है. इससे अनुमान लगाया जा रहा है की मॉनसून अगले 24 घंटे में पूर्वोत्तर के त्रिपुरा में दस्तक दे सकता है. बता दें स्काईमेट ने इस साल 93% बारिश की संभावना जाहिर की है. वहीं मौसम विभाग के मुताबिक इस साल भारत में 96% बारिश की संभावना है.
मॉनसून की देरी से इस बार लोगों को खेती-किसानी तो छोड़िये, पीने तक के लिए पानी नसीब नहीं हो पा रहा है. ऐसे वक्त में ये देश के लिए बहुत अच्छी खबर है, क्योंकि पश्चिम और दक्षिण भारत में कृषि और जल का स्तर बहुत ज्यादा गिर गया है. सिंचाई के अच्छे स्रोत न होने की वजह से भारत के ज्यादातर रूरल एरिया चार महीने के मॉनसून मौसम पर डिपेंड रहते है. अच्छे मॉनसून से अर्थव्यवस्था पर सीधा प्रभाव पड़ता है, क्योंकि आज भी भारत की जीडीपी में कृषि एक बहुत बड़ा योगदान देता है.
मौसम विभाग ने 9 जून के लिए केरल के आठ जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. इसमें तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, अलपुझा, कोट्टयम, एर्नाकुलम, त्रिशूर, मल्लाप्पुरम और कोझिकोड शामिल है. वहीं, 10 जून को त्रिशूर में रेड अलर्ट रहेगा. 11 जून को तीन जिलों एर्नाकुलम, मलाप्पुरम और कोझिकोड में रेड अलर्ट जारी किया गया है. इन इलाकों में भारी से भारी बारिश होने की आशंका है.
इस बार सिर्फ मानसून ही लेट नहीं आया है, बल्कि प्री-मानसून भी करीब-करीब सूखा गुजरा है. 65 वर्षों में ऐसा दूसरी बार हो रहा है. स्काई मेट के वैज्ञानिकों का दावा है कि इस बार अलनीनो और ग्लोबल वॉर्मिंग के चलते मॉनसून कमजोर रहेगा. हर साल प्री-मॉनसून सीजन में सामान्य तौर पर 131.5 मिलीमीटर बारिश दर्ज की जाती है. लेकिन इस साल सिर्फ 99 मिमी. बारिश हुई है. जिसके चलते लू बढ़ती ही जा रही है और पारा भी गिरने का नाम नहीं ले रहा है.
पिछले साल जल्दी दी थी मॉनसून ने दस्तक
इस साल जहां मॉनसून लेट हो गया है. वहीं पिछले साल मॉनसून तीन दिन पहले ही आ गया था. 2018 में मॉनसून ने केरल में तीन दिन पहले 29 मई को ही दस्तक दे दी थी. लेकिन बारिश सामान्य ही दर्ज हुई थी. वहीं 2016 में 8 जून को, 2015 में 6 जून को और 2014 में 5 जून को मॉनसून ने दस्तक दी थी.
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