मुंबई में मुकेश अंबानी बम धमकी मामले की जांच अब तेज हो चुकी है. पूरी जांच फिलहाल गिरफ्तार हुए इंस्पेक्टर सचिन वझे पर केंद्रित है. अब मनसुख हिरेन की मौत के मामले में एनआईए सचिन वझे को मीठी नदी पर ले गई. एजेंसी को पता लगा था कि वझे ने नदी में कुछ चीजें फेंक दी थीं. जिसके बाद नदी में गोताखोरों की मदद से तलाशी अभियान चलाया गया. इस तलाशी अभियान में कई अहम सबूत हाथ लगे हैं.
एनआईए को नदी से मिले कई सबूत
बताया जा रहा है कि नदी में तलाशी के दौरान एनआईए को सीसीटीवी का डीवीआर और एक गाड़ी की नंबर प्लेट मिली है. इसके अलावा नदी से एक कंप्यूटर सीपीयू भी बरामद किया गया है. जिसे एजेंसी ने अपने कब्जे में ले लिया है. अब इन सबूतों के आधार पर मनसुख हिरेन की मौत और एंटीलिया के बाहर विस्फोटक भरी गाड़ी रखने का राज खुल सकता है.
इससे पहले एनआईए को जांच में पता चला था कि सचिन वझे ने इस मामले के बाद अपनी हाउसिंग सोसाइटी का सीसीटीवी डीवीआर कब्जे में ले लिया था. इसके बारे में किसी भी दूसरे जांच अधिकारी को जानकारी नहीं थी.
सचिन वझे ने एक लेटर लिखकर डीवीआर हासिल की थी. जिसके बाद से ही एनआईए इस डीवीआर की तलाश कर रही थी. अब इन सबूतों की बरामदगी को एनआईए की एक बड़ी कामयाबी माना जा रहा है. फॉरेंसिक से इन हार्ड ड्राइव और डीवीआर का डेटा रिकवर करवाने के बाद मामले में बड़ा खुलासा हो सकता है.
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