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मराठा आरक्षण पर सर्वदलीय बैठक में सहमति, जरांगे बोले- 'अधूरा आरक्षण' स्वीकार नहीं

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की तरफ से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने आरक्षण पर सहमति जताई है.

Published
भारत
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महाराष्ट्र (Maharashtra) में मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) के मुद्दे पर मचे बवाल के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की तरफ से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने आरक्षण पर सहमति जताई है.

सभी ने एक सुर में कहा कि मराठाओं को आरक्षण मिलना चाहिए. इसके अलावा नेताओं ने आरक्षण के नाम पर हो रही हिंसा पर भी चिंता जताई. हालांकि शिवसेना (UBT) इस मीटिंग में न्योता न मिलने से खफा दिखी.

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आरक्षण देने पर पार्टियों के बीच सहमति

बैठक में सभी नेताओं ने एक पर्चे पर हस्ताक्षर भी किए और मराठाओं को आरक्षण देने पर अपनी सहमति जताई. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने लोगों से शांति बनाए रखने और सरकार के प्रयासों में सहयोग करने का भी अनुरोध किया.

सीएम ने ये भी कहा कि आरक्षण कानून के दायरे में और अन्य समुदायों के साथ अन्याय किए बिना होना चाहिए और सभी दलों ने इसपर सहमति जताई है.

सीएम शिंदे की अध्यक्षता में मराठा आरक्षण पर सर्वदलीय बैठक में नेताओं ने एक प्रस्ताव भी पारित किया, जिसमें कार्यकर्ता मनोज जरांगे से अनिश्चितकालीन उपवास खत्म करने की अपील की गई है.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की तरफ से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने आरक्षण पर सहमति जताई है.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की तरफ से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने आरक्षण पर सहमति जताई है.

मराठा समाज को न्याय देने के लिए जल्द फैसले लिए जाएंगे- एकनाथ शिंदे

मुंबई में हुई सर्वदलीय बैठक के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पत्रकारों से भी बात की. उन्होंने कहा, सभी नेताओं ने इस बात पर सहमत हुए कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिलना चाहिए... यह निर्णय लिया गया कि आरक्षण कानून के दायरे में होना चाहिए और अन्य समुदायों के साथ अन्याय किए बिना होना चाहिए.''

उन्होंने आगे कहा, "जो भी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हो रही हैं, उनको लेकर सभी ने नाराजगी जताई है... तीन सेवानिवृत्त जजों की एक कमेटी बनाई गई है. पिछड़ा वर्ग आयोग युद्धस्तर पर काम कर रहा है. मराठा समाज को न्याय देने के लिए जल्द ही फैसले लिए जाएंगे. समय देने की जरूरत है और मराठा समाज को भी धैर्य रखना चाहिए... ''

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बैठक में पहुंचने वाले बड़े नाम:

सर्वदलीय बैठक में राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) सुप्रीमो शरद पवार, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल, चंद्रकांतदादा पाटिल, छगन भुजबल, दिलीप वलसे पाटिल, गिरीश महाजन, दादाजी भुसे, विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे, विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार और अपनी-अपनी पार्टियों के कई नेता उपस्थित थे.

मनोज जरांगे अभी भी भूख हड़ताल पर, बोले- "पूरा कोटा कोटा नहीं मिला तो पानी पीना भी बंद कर दूंगा."

हालांकि, सरकार के आश्वासन के बावजूद मनोज जरांगे ने आरक्षण की मांग को लेकर अपना अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल खत्म नहीं किया है. उनके भूख हड़ताल के दूसरे हिस्से का आज आठवां दिन है. पहले भूख हड़ताल करने के बाद वे सरकार के आश्वासन पर मान गए थे और सरकार को 40 दिन का समय दिया था, लेकिन अब वे 25 अक्टूबर से फिर भूख हड़ताल पर हैं.

इस बैठक के बाद मनोज जरांगे ने कहा कि "मराठा समुदाय "अधूरा आरक्षण" स्वीकार नहीं करेगा और महाराष्ट्र सरकार को इस मुद्दे पर राज्य विधानमंडल का एक विशेष सत्र बुलाना चाहिए. अगर मराठा समुदाय को "पूर्ण" कोटा नहीं दिया गया तो पानी पीना भी बंद कर दूंगा."
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हालांकि, शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत ने कहा कि मराठा आरक्षण पर महाराष्ट्र सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में हमारी पार्टी के सांसदों और विधायकों को आमंत्रित नहीं किया गया है.

NCP और शिवसेना (UBT) का प्रदर्शन

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की तरफ से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने आरक्षण पर सहमति जताई है.

आरक्षण को लेकर विपक्ष सरकार से तुरंत विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रहा ह. इस मांग को लेकर NCP कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले, जितेंद्र आव्हाड, शशिकांत शिंदे, रोहित पवार, नरेंद्र दराडे, विलास पोटनिस, प्रकाश फातरपेकर और अजय चौधरी ने विधान भवन की सीढ़ियों पर विरोध प्रदर्शन किया.

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