McDonald’s के उत्तरी और पूर्वी भारत के आउट्लेट्स में बर्गर खाने से पहले एक बार सोच लें. इन इलाकों के आउटलेट्स में बर्गर खाना आपके सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है. ये बात मैकडोनाल्ड्स ने खुद ही चेतावनी जारी कर कही है.
दरअसल ये चेतावनी मैकडोनाल्ड्स इंडिया ने मैकडोनाल्ड्स के सीपीआरएल ऑउटलेट्स के खिलाफ जारी की है.
मैकडोनाल्ड्स के पार्टनर में विवाद
अमेरिकन फूड चेन मैकडोनाल्ड के आउटलेट्स को उत्तर और पूर्वी भारत में सीपीआरएल, जबकि देश के बाकी भागों में मैकडोनाल्ड्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एमआईपीएल) चलाती थी. इन दोनों कंपनियों के बीच पिछले काफी समय से विवाद चल रहा था. इस वजह से सीपीआरल को अपने रेस्टोरेंट भी बंद करने पड़े थे.
गुरुवार को सीपीआरएल के विक्रम बक्शी ने घोषणा की कि पूर्वोत्तर भारत में 84 बंद रेस्टोरेंट में से 16 को फिर खोल दिया गया है. लेकिन मैकडोनाल्ड्स इंडिया ने इन आउटलेट्स की फूड क्वॉलिटी और सुरक्षा स्तर में कमियों का आरोप लगाया है.
मैक्डोनाल्डस इंडिया का कहना है कि इन आउटलेट्स को चलाने की मंजूरी नहीं है. साथ ही सीपीआरएल के साथ फ्रेंचाइजी समझौते को रद्द किए जाने के बाद वह यह सत्यापन नहीं कर सकती कि वो रेस्टोरेंट मैक्डोनाल्डस के खाद्य सुरक्षा, आपूर्ति और परिचालन मानकों का पालन कर रहे हैं या नहीं.
क्या है पूरा विवाद?
विक्रम बख्शी की अगुवाई वाली सीपीआरएल और मैकडोनाल्ड्स इंडिया के बीच 2013 से विवाद चल रहा था. 2013 में मैकडोनाल्ड ने विक्रम बख्शी को सीपीआरएल के एमडी पद से हटा दिया था, जिसके खिलाफ बख्शी ने कंपनी लॉ बोर्ड में याचिका दायर की थी.
इसके बाद बख्शी इस मामले को दिल्ली हाईकोर्ट लेकर चले गए थे. सीपीआरएल में विक्रम बख्शी और मैकडोनाल्ड्स के बीच 50-50 की पार्टनरशिप थी. मैकडोनाल्ड्स ने 21 अगस्त 2017 को कनॉट प्लाजा रेस्टोरेंट लिमिटेड (सीपीआरएल) से करार रद्द करने के बाद अपने 169 आउटलेट बंद करने का फैसला किया था. सीपीआरएल मैकडोनाल्ड्स और बख्शी का ज्वॉइंट वेंचर है.
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