ADVERTISEMENTREMOVE AD

Me, The Change: युवा महिला वोटर किस बात को लेकर चिंता में हैं?

लोकसभा चुनाव में पहली बार वोट डालने जा रही महिला वोटरों की चिंता का क्या है कारण, जानिए

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

आने वाले लोकसभा चुनाव में पहली बार वोट डालने जा रही एक-तिहाई महिलाएं मानसिक तनाव और डिप्रेशन से जूझ रही हैं. फेसबुक की पहल 'Me, The Change' के लिए द क्विंट और सीएसडीएस की ओर से किए गए एक सर्वे में ये बात सामने आई है.

लेकिन भारत की ये युवा महिला वोटर किस बात को लेकर चिंतित हैं?

10 से ज्यादा राज्यों में पहली बार वोट डालने जा रही करीब 5,000 महिला वोटरों पर किए गए सर्वे में सामने आया कि स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच, पढ़ाई और आजादी को लेकर वो सबसे ज्यादा चिंतित हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
क्विंट और फेसबुक ने मी, द चेंज लॉन्च किया है, एक ऐसा कैंपेन जो पूरे भारत में पहली बार वोट देने वाली महिला मतदाताओं के मुद्दों पर चर्चा कर रहा है.

पढ़ाई और इंग्लिश न बोल पाने को लेकर चिंता

सर्वे में सामने आया कि औसतन 5 में से 2 युवा महिलाएं अक्सर अपनी पढ़ाई को लेकर परेशान रहती हैं.

सर्वे में बड़े शहरों की आधी महिलाओं ने सुझाव दिया कि उनकी पढ़ाई के लिए सरकार को उन्हें वित्तीय मदद देनी चाहिए.

करियर को लेकर चिंता

आधी से ज्यादा स्टूडेंट और नौकरी पेशा महिलाएं अपने करियर को लेकर परेशान हैं. सर्वे में सामने आया कि इसे लेकर गांव में महिलाएं सबसे ज्यादा चिंतित हैं.

पहली बार वोट डालने जा रही महिला वोटर्स अपनी चिंता कम करने के लिए सरकार से क्या चाहती हैं?

करीब 50% महिलाओं ने सुझाव दिया की सरकार को उनके लिए नौकरी पैदा करने की जरूरत करनी चाहिए.

करियर के अलावा, बेहतर शिक्षा सुविधाओं तक पहुंच के लिए महिलाओं ने सर्वे के जरिए सरकार को सुझाव दिया है. 10 में से एक महिला चाहती है कि गरीब लड़कियों की पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप और वित्तीय सहायता दी जाए, ताकि अच्छे करियर के लिए उन्हें परेशानी न झेलनी पड़े.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

स्वास्‍थ्‍य को लेकर चिंता

सर्वे में शामिल तीन-चौथाई महिलाएं अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं. गांव में रहने वाली अविवाहित युवा महिलाओं में इस बात को लेकर चिंता सबसे ज्यादा है.

कुल मिलाकर 31% युवा महिला वोटर अक्सर मानसिक तनाव या डिप्रेशन से जूझती हैं, इन महिलाओं की संख्या शहरों में ज्यादा है. इसके उलट, बड़े शहरों में रह रहीं 52% युवा महिलाओं ने कभी मानसिक तनाव या टेंशन का सामना नहीं किया.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×