वीडियो एडिटर: प्रशांत चौहान
कैमरा: नितिन चोपड़ा
“मैं एक लड़की की तरह ढोल बजाऊंगी और सबसे अच्छा ढोल बजाऊंगी.” यही जहान गीत ने अपने ट्रेनर को कहा, जब उन्होंने गीत से 'एक लड़के की तरह' ढोल बजाने को कहा. इस वाकये के बाद देश की इस सबसे युवा महिला ढोल प्लेयर ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
12 साल की उम्र से ढोल बजा रहीं गीत दुनियाभर में लगभग 100 स्टेजों पर परफॉर्म भी कर चुकी हैं. सोशल मीडिया पर उनके वीडियो को 2 करोड़ से ज्यादा व्यूज मिले हैं. ग्लोबल मैगजीन और नेशनल टीवी में छा चुकी हैं.
फिलहाल, गीत पंजाब यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई कर रही हैं.
लेकिन इस मुकाम पर पहुंचने से पहले, एक लड़की होकर ढोल से लगाव और उसे सीखना-बजाना गीत के लिए आसान नहीं था.
उन्हें ढोल सीखने के लिए ट्रेनर ढूंढने में काफी मुश्किल हुई, क्योंकि उनकी सोसायटी के मुताबिक इसे सिर्फ मर्द ही बजाते आए हैं. कई लोगों ने उन्हें ताने मारे, लेकिन परिवार का साथ मिला और उन्होंने इसे जारी रखा.
‘तुम्हें शर्म नहीं आती कि तुमने ढोल बजाने का फैसला लिया है? तुम कुछ और भी तो कर सकती थी.’ लोग सोचते हैं कि ढोल मिरासियों(एक खास जाति) के लिए है, नीचे तबके के लोगों के लिए. हमारे समाज में लोग ये मानने को तैयार ही नहीं हैं कि एक लड़की इस फील्ड में कदम रखना चाहती है.जहान गीत सिंह, ढोल प्लेयर
लेकिन रुकावटों ने उनका रास्ता नहीं रोका बल्कि हौसला बढ़ाया.
आने वाले लोकसभा चुनाव में गीत पहली बार वोट डालेंगी. द क्विंट के 'मी, द चेंज' कैंपेन के तहत, हमने उनसे पूछा कि उनके लिए क्या चीज मायने रखती है.
उनका जवाब था कि एजुकेशन और नौकरी में आर्टिस्ट को भी रिजर्वेशन कोटा चाहिए, जैसा कि खिलाड़ियों को मिलता है. उनका मानना है कि अपने कल्चर को बढ़ावा देते म्यूजिशियन और डांसर्स भी उतनी ही मेहनत करते हैं और इसके हकदार हैं.
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