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Me,The Change:जानिए पहली बार वोट डालने जा रही महिलाओं ने क्या कहा 

‘मी, द चेंज’, एक ऐसा कैंपेन जो पूरे भारत में पहली बार वोट देने वाली महिला मतदाताओं के मुद्दों पर चर्चा कर रहा है.

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द क्विंट और फेसबुक इंडिया के ‘मी, द चेंज’ इवेंट में 10 युवा, कामयाब महिलाओं ने आनेवाले चुनाव में उनके लिए सबसे जरूरी मुद्दे क्या होंगे, इस पर अपनी बात रखी. फर्स्ट टाइम वोटर्स पर केंद्रित ये इवेंट 17 जनवरी को रखा गया था.

बाॅलीवुड एक्ट्रेस तापसी पन्नू ने देशभर से चुनकर आई इन महिलाओं को सम्मानित किया जिसमें- एक संथाली रेडियो जॉकी, अंतर्राष्ट्रीय रग्बी खिलाड़ी, पंजाब की ढोल बजाने वाली महिला कलाकार जैसी और भी एक से बढ़कर एक, ‘हटके’ काम कर रहीं महिलाएं शामिल थीं.

क्विंट और फेसबुक ने ‘मी, द चेंज’ लॉन्च किया है, एक ऐसा कैंपेन जो पूरे भारत में पहली बार वोट देने वाली महिला मतदाताओं के मुद्दों पर चर्चा कर रहा है.

इन यंग लेडीज ने अपने जीवन से जुड़ी संघर्ष की कहानी और आगे बढ़ने की प्रेरणा के बारे में अपनी बातें ऑडियंस से शेयर की.

इसी दौरान महिला रेसलर दिव्या काकरान ने अपने अनुभव के बारे में बताया कि किस तरह लड़कों के साथ दंगल के अखाड़े में उतरकर उन्होंने लड़कियों से जुड़ी दकियानूसी सोच को तोड़ा. साथ ही दिव्या ने ये भी बताया कि आम पैरेंट्स से अलग उनके पिता ने उधार लेकर शादी करने की जगह उन्हें पहलवानी के लिए सपोर्ट किया.

दसवीं और बारहवीं के बाद मेरे गांव में लड़कियों की शादी कर दी जाती है. परिवार वाले उधार लेकर शादी करते हैं. अगर इन्हीं पैसों को इस्तेमाल वो उनकी पढ़ाई या खेल जैसे करियर पर खर्च करें... तो एक दिन दूल्हे खुद दहेज लेकर उनसे शादी करने के लिए खुशी-खुशी खड़े होंगे.
दिव्या काकरान
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केरल की मरियम रउफ पर्सनल सेफ्टी एजुकेटर होने के साथ-साथ खुद भी बचपन में बाल यौन शोषण की शिकार रही हैं. उन्होंने अपनी कहानी बताई, "जब मैंने अपनी मां को इस बारे में बताया तो उसने मुझे कहा इसे छुपाने की कोई जरूरत नहीं है और तुम जिसे चाहे उसे इस बारे में बता सकती हो, ये मत सोचो कि लोग क्या कहेंगे?

ऐसी ही और वीमेन अचीवर्स इस इवेंट में सम्मानित की गईं, जिन्होंने सिर्फ अपने लिए दुनिया नहीं बदली, बल्कि अपने उपलब्धियों से वो कई अन्य लोगों के लिए प्रेरणा भी बन गई हैं.

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