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#MeToo | अकबर अदालत में बोले, रमानी के आरोपों से हुई बेइज्जती

12 नवंबर को होगी अगली सुनवाई

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पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री एमजे अकबर ने पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि के मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश होकर बयान दर्ज कराए.

पत्रकार प्रिया रमानी ने पूर्व संपादक एम.जे. अकबर पर #MeToo कैंपेन के तहत यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. इसके बाद अकबर ने रमानी के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया था. अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप सबसे पहले प्रिया रमानी ने लगाया था. इसके बाद 19 अन्य महिला पत्रकारों ने भी रमानी का समर्थन करते हुए अकबर पर आरोप लगाए थे.

इन आरोपों के बाद अकबर को पीएमओ के कहने पर विदेश राज्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. अकबर ने अपने वकील के जरिए कोर्ट से कहा कि प्रिया रमानी के अपमानजनक बयान से उनकी छवि को नुकसान पहुंचा है और लोगों की नजर में उनकी प्रतिष्ठा धूमिल हुई है.

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एमजे अकबर ने अपने बयान में क्या कहा?

  • मैंने पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया है. प्रिया रमानी ने मेरे खिलाफ कई ट्वीट किए थे, जब मैं विदेश दौरे से वापस लौटा तब मुझे इस पूरे मामले की जानकारी हुई.
  • इन ट्वीट्स का संबंध वोग मैगजीन में पब्लिश हुए एक आर्टिकल से था. इस लेख में अपमानजनक हिस्सा वह था, जिसमें उन्होंने (पत्रकार प्रिया रमानी) मेरे बारे में एक 'टैलेंटेड प्रीडेटर' और एक विशेषज्ञ ऑन 'सो-ऐंड-सो' लिखा था.
  • उनके (प्रिया रमानी) ट्वीट का शुरुआती वाक्य ही गलत था. जब आर्टिकल पहली बार वोग मैगजीन में पब्लिश हुआ तो उसमें मेरा नाम शामिल नहीं था. जब उनसे इसके बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा था क्योंकि ‘मैंने कुछ नहीं किया’
  • इससे साफ है कि वोग की तरफ से उन्हें ऐसा करने की सलाह दी गई कि मेरा नाम होने से जवाबदेही तय होगी.
  • झूठे और मनगढ़ंत आरोप लगाने से मेरी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है. कथित और गढ़ी गई घटनाओं को लेकर मुझ पर निशाना साधा गया. सरकार से अलग मैंने अपनी निजी क्षमताओं से इंसाफ पाने का फैसला किया और इसी वजह से मंत्रिपद से इस्तीफा दे दिया.

12 नवंबर को होगी अगली सुनवाई

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने प्रिया रमानी के खिलाफ एमजे अकबर की ओर से दर्ज कराए गए मानहानि मामले की सुनवाई के लिए 12 नवंबर की तारीख तय की है.

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