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मंदिर और कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान-चीन को भारत की खरी-खरी

राम मंदिर को लेकर पाकिस्तान की तरफ से आया था बयान

Published
भारत
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पाकिस्तान की तरफ से राम मंदिर भूमि पूजन पर सवाल उठाए जाने को लेकर अब भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से जवाब आया है. इमरान खान के मंत्री ने कहा था कि भारत में अब हिंदूवादी ताकतें हावी हो चुकी हैं और वहां धर्मनिरपेक्षता नहीं रही. इसे लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा है कि एक आतंकवाद समर्थक देश से यही उम्मीद की जा सकती है. पाकिस्तान के इस रुख से कोई आश्चर्य नहीं हुआ. साथ ही भारत की तरफ से चीन के कश्मीर मामले को लेकर यूएनएससी जाने को लेकर भी फटकार लगाई गई.

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पाकिस्तान भारत में होने वाली हर घटना को लेकर अपनी टिप्पणी करता है. अब राम मंदिर के शिलान्यास जैसा बड़ा इवेंट हो और पाकिस्तान चुप बैठा रहे, ये मुमकिन नहीं है. इसीलिए पाकिस्तान की तरफ से उसकी बौखलाहट सामने आई और उसने भारत को नसीहत देने की कोशिश की.

पाकिस्तान के मंत्री के अलावा विदेश मंत्रालय की तरफ से भी बयान में कहा गया कि भारत में बहुसंख्यवाद बढ़ रहा है और वहां अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़ते जा रहे हैं.

पाकिस्तान को करारा जवाब

भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से पाकिस्तान के इस रुख को काफी हल्के में लेते हुए कहा गया कि आतंकवादी देश से इससे ज्यादा उम्मीद नहीं की जा सकती है. साथ ही भारत ने पाकिस्तान को अंदरूनी मामलों में दखन नहीं देने की भी सलाह दी.

भारत ने कहा कि वो देश जहां अल्पसंख्यकों को उनके धार्मिक अधिकार तक नहीं दिए जाते हैं, वो देश जो बॉर्डर टेररिज्म को बढ़ावा देता है, उसका ऐसा बयान काफी शर्मनाक है.

चीन को भी फटकार

भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से चीन को भी फटकार लगाई गई है. चीन ने एक बार फिर अपना असली चेहरा दिखाते हुए यूएनएससी में कश्मीर मामले को उठाने की कोशिश की है. जिस पर भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि चीन को इस मामले में दखलअंदाजी नहीं करनी चाहिए, ये भारत का अंदरूनी मामला है. विदेश मंत्रालय ने कहा, ये पहली बार नहीं है जब चीन ने ऐसे विषय को यूएनएससी में उठाने की मांग की है जो भारत का आंतरिक मसला है. लेकिन पहले चीन ने जितनी बार भी कोशिश की है उसे किसी भी मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का सहयोग नहीं मिला है. हम चीन के इस कदम को पूरी तरह से खारिज करते हैं.

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