कर्नाटक में पैसे लेकर मेडिकल में एडमिशन दिलाने के एक बड़े स्कैम का भंडाफोड़ हुआ है. पैसे देकर मेडिकल सीट के इंतजाम के एवज में 60 लाख रुपये तक लिए जा रहे थे.इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से यहां के चार कॉलेजों - सिद्धार्थ मेडिकल कॉलेज, श्री सिद्धार्थ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च सेंटर, श्री देवराज अर्स एकेडेमी ऑफ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च और जल्लपा हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर पर छापे मारे गए थे. इस छापेमारी के दौरान इस स्कैम का भंडाफोड़ हुआ.
कांग्रेस नेता और पूर्व डिप्टी सीएम जी परमेश्वर के हैं दो कॉलेज
श्री सिद्धार्थ एजुकेशनल ट्रस्ट की ओर से चलाए जा रहे श्री सिद्धार्थ मेडिकल कॉलेज और श्री सिद्धार्थ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च सेंटर को कांग्रेस नेता और कर्नाटक के पूर्व उप मुख्यमंत्री जी परमेश्वर चलाते हैं. अन्य दो कॉलेज भी कांग्रेस के नेता जलप्पा के हैं. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को कर्नाटक के इन कॉलेजों में एडमिशन की अनियमितताओं के बारे में खुफिया जानकारी मिली थी. इसी के बाद यहां छापा मारने का फैसला किया गया.
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के सूत्रों के मुताबिक छापेमारी के दौरान पता चला कि मेडिकल काउंसिलिंग कमेटी के जरिये जो मेडिकल सीटें मुहैया की जानी थीं उन्हें चालाकी से इंस्टीट्यूशनल कोटा की सीटों में बदल दिया गया था. ऐसा ड्रॉपआउट सिस्टम के जरिये किया गया था.
आयकर छापे के दौरान बरामद हुए 4.22 करोड़ रुपये कैश
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि छापे के दौरान उन्होंने 4.22 करोड़ रुपये बरामद किए, जिनका कोई हिसाब-किताब नहीं रखा गया था. दस्तावेजों से पता चला है कि एक-एक मेडिकल सीट के लिए 50 से 60 लाख रुपये वसूले जाते थे.दरअसल सरकार की ओर से अप्रूव्ड संस्थानों में एमबीबीसी और डेंटल कोर्स में दाखिला NEET से होता है. इस मामले में जिन छात्रों का नाम पर सीटें बदली गई थीं, उन्होंने एडमिशन रैकेट के काम के बारे में जानकारी दी. एजेंटों और बिचौलियों ने भी मामले में कई खुलासे किए हैं
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