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दिल्ली के 1000 स्कूलों में पेरेंट्स-टीचर मीटिंग, राजनीति के आरोप

दिल्ली के सरकारी स्कूलों में रखी गई मेगा पेरेंट्स-टीचर मीटिंग

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दिल्ली के सरकारी स्कूलों में चुनावों के दौरान होने वाली मेगा पेरेंट्स-टीचर मीटिंग शुक्रवार, 12 जुलाई को रखी गई. दिल्ली के करीब 1,000 सरकारी स्कूलों में रखी गई इस मीटिंग में कई पेरेंट्स अपने बच्चों की परफॉर्मेंस जानने पहुंचे.

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ये मीटिंग पहले 20 अप्रैल को आयोजित होनी थी, लेकिन बीजेपी के विरोध के बाद इसे आगे बढ़ा दिया गया था. बीजेपी ने आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाया था कि वो मीटिंग के जरिए वोटरों को प्रभावित करना चाहती है.

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और AAP नेता आतिशी ने कई स्कूलों का दौरा किया. दोनों नेताओं ने छात्रों और अभिभावकों से बातचीत की.

रमेश नगर के एक सरकारी स्कूल में पहुंची सरला ने कहा, ‘मैं खुश हूं कि सरकार न सिर्फ पठन-पाठन पर ध्यान दे रही है बल्कि बच्चों के अपने माता -पिता और भाई बहन के साथ अच्छे व्यवहार को भी महत्व दे रही है. मेरी बेटी अब कम गुस्सैल हो गई है.

वहीं, एक अभिभावक तबिश मोहम्मद ने कहा, ‘हमें साल के अंत में यह जानने को मिलता था कि मेरे बेटे का अकादमिक प्रदर्शन कैसा है, लेकिन अब पीटीएम से हर तिमाही उसके बारे में जानकारी मिल जाती है और इसने उसे बेहतर करने के लिए प्रेरित किया.

शिक्षा निदेशालय के एक अधिकारी ने बताया कि खुशी और उद्यमी करिकुलम पर चर्चा के अलावा शिक्षकों को छात्रों की अनुपस्थिति और अनियमित उपस्थिति पर भी चर्चा करने को कहा गया. स्कूल के प्रिसिंपल को कम अंक प्राप्त करने वाले उन छात्रों की सूची बनाने के कहा गया है जिनके पेरेंट्स पीटीएम में शामिल नहीं हुए.

विवादों में रही है सरकारी स्कूलों में पेरेंट्स-टीचर मीटिंग

इससे पहले भी 29 जनवरी को हुई पेरेंट्स-टीचर मीटिंग के बाद भी काफी विवाद हुआ था. दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने केजरीवाल पर वोट मांगने का आरोप लगाया था.

केजरीवाल ने कहा था, 'अगर आप अपने बच्चों से प्यार करते हैं, तो उन्हें वोट दीजिए जो उनके लिए काम कर रहे हैं, और अगर नहीं करते तो जाकर पीएम मोदी को वोट दीजिए.'

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