मानसिक रोगियों की देखभाल और उन्हें सही इलाज की सुविधा प्राप्त कराने के लिए लोकसभा में सोमवार को मेंटल हेल्थकेयर बिल-2016 पास हो गया. यह बिल राज्यसभा में बीते साल ही पास हो गया था.
यह बिल सुनिश्चित करता है कि हर एक व्यक्ति को संचालित मानसिक स्वास्थ्य सेवा, देखभाल और उपचार का अधिकार मिले.
मेंटल हेल्थकेयर बिल-2016 में सबसे खास बात यह है कि किसी मानसिक रोगी के आत्महत्या के प्रयास को अपराध नहीं माना जाएगा. आमतौर पर आत्महत्या करना या प्रयास करना अपराध माना जाता है.
महिला और बच्चों के लिए भी बिल में खास प्रावधान है. बिल के अनुसार, मानसिक रोग से पीड़ित बच्चे को उसकी मां से तब तक अलग नहीं किया जाएगा, जब तक बहुत जरूरी ना हो.
एक आंकड़े के अनुसार, देश में कुल 6-7 फीसदी लोगों को किसी ना किसी तरह की दिमागी समस्या है जबकि 1-2 फीसदी रोगियों को गंभीर समस्या है.
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