रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने मर्चेंट नेवी जहाजों पर हुए हमलों पर सख्त प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इसके पीछे जिन लोगों का भी हाथ है, भारत उन्हें "समुद्र की गहराई से भी" ढूंढ निकालेगा और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा. मंगलवार, 26 दिसंबर को मुंबई में INS इंफाल वॉरशिप की भारतीय नौसेना में कमीशनिंग के दौरान रक्षामंत्री ने ये बात कही है.
"सरकार ने अरब सागर में MV केम प्लूटो और लाल सागर में MV साईं बाबा पर ड्रोन हमले को बहुत गंभीरता से लिया है. नौसेना ने निगरानी बढ़ा दी है, जिसने भी यह हमला किया है, हम उसे समुद्र तल से भी ढूंढ लेंगे. इसके पीछे जो लोग हैं, उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाएगा."राजनाथ सिंह, केंद्रीय रक्षामंत्री
उन्होंने आगे कहा कि भारत "संपूर्ण हिंद महासागर क्षेत्र के लिए शुद्ध सुरक्षा प्रदाता" है, सरकार "मित्र राष्ट्रों के साथ काम करेगी" और क्षेत्र में समुद्री व्यापार की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी.
बता दें कि रक्षामंत्री का यह बयान नौसेना द्वारा पुष्टि किए जाने के बाद आया है कि MV केम प्लूटो पर दो दिन पहले ड्रोन से हमला किया गया था. वहीं अमेरिका ने दावा किया है कि यह हमला "ईरान की ओर से आए ड्रोन" से हुआ था. हालांकि, ईरान ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है और इन्हें बेबुनियाद बताया है.
हमले का हाउती कनेक्शन
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक यह हमला भारत के पश्चिमी तट से 400 किलोमीटर दूर, यमन में ईरान समर्थित हाउती विद्रोहियों द्वारा किए गए कई हमलों में से एक था, जो इजरायल-गाजा युद्ध के बीच अहम लाल सागर शिपिंग लेन को निशाना बना रहे हैं.
लाइबेरिया के झंडे वाला एक तेल टैंकर, MV केम प्लूटो सऊदी अरब के एक बंदरगाह से रवाना हुआ था और कर्नाटक के मंगलुरु की ओर आ रहा था. इसी दौरान उस पर हमला हुआ. अधिकारियों ने कहा कि ड्रोन हमले की वजह से जहाज में आग लग गई.
जहाज 21 सदस्यीय दल के साथ मंगलवार सुबह को मुंबई पहुंचा, जिसके बाद नौसेना की विस्फोटक आयुध टीम ने निरीक्षण किया. रिपोर्ट के मुताबिक, नौसेना के एक अधिकारी ने कहा कि केम प्लूटो को आगे के संचालन के लिए मंजूरी दे दी गई है और शिप-टू-शिप कार्गो ट्रांसफर करने से पहले अनिवार्य जांच की जाएगी. इसके बाद डॉकिंग और मरम्मत की जाएगी.
भारतीय और अमेरिकी सैन्य अधिकारियों ने कहा कि 25 भारतीय चालक दल के सदस्यों के साथ एक दूसरे तेल टैंकर, गैबॉन (पंजीकृत MV साईं बाबा) पर भी दक्षिणी लाल सागर में एक ड्रोन द्वारा हमला किया गया था. इस दौरान कोई हताहत नहीं हुआ. हालांकि, इलाके में कर्मिशयल जहाजों पर हमलों को रोकने के लिए तीन युद्धपोतों - मोरमुगाओ, कोच्चि और कोलकाता को तैनात किया गया है.
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