यूपी के मिर्जापुर (Mirzapur) में उर्दू (Urdu) की सहायक अध्यापिका के दस्तावेजों की जांच में पाया गया कि वो लंदन में रह रही प्रियंका प्रजापति के नाम से सालों से नौकरी कर रही थीं. शिकायत के आधार पर जांच में पता चला कि प्रियंका यादव फर्जी तरीके से काम कर रही थी जिसे बर्खास्त कर दिया गया है.
कन्नौज जिले की निवासी प्रियंका प्रजापति 2019 से लंदन में रह रही है, लेकिन यहां मिर्जापुर में उनके कागजात पर कन्नौज की ही एक महिला प्रियंका यादव प्रियंका प्रजापति के नाम और पिछले 6 सालों से मिर्जापुर के भरपुरा राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में उर्दू सहायक अध्यापक के पद पर नौकरी कर रही थीं.
संयुक्त शिक्षा निदेशक कामताराम पाल ने बताया कि, 2014 में उर्दू में सहायक अध्यापिका पद के लिए भर्ती निकाली गई थी जिसमें उसने अप्लाई किया था. फिर एक गुमनाम पत्र के द्वारा शिकायत मिली कि मनोज कुमार प्रजापति की बेटी प्रियंका प्रजापति के नाम से कोई फर्जी तरीके से नौकरी कर रहा है.
आगे उन्होंने बताया कि जब दस्तावेजों के सत्यापन के लिए जांच बैठाई गई और मनोज कुमार को इस बाबत पत्र लिखा गया तो उन्होंने बताया कि उनकी बेटी 2019 से लंदन में रह रही है. हकीकत ये है कि अजमेर सिंह की बेटी प्रियंका यादव ने किसी तरह दस्तावेजों को मैनेज किया या चोरी की और यहां फर्जी तरीके से नौकरी की.
कामताराम पाल ने बताया कि प्रियंका यादव को बर्खास्त कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है अब आगे की जांच पुलिस कर रही है.
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