पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे एम जे अकबर के लिए बुधवार का दिन बेहद अहम होने वाला है. MeToo कैंपेन के दौरान एम जे अकबर पर लगे यौन उत्पीड़न के मामले में दिल्ली की एक अदालत आज फैसला सुनाएगी. कोर्ट का यह फैसला एम जे अकबर के राजनीतिक जीवन के भविष्य को तय करेगा. आइये जानते हैं आखिरी क्या था यह पूरा मामला जब एम जे अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा था.
MeToo कैंपेन के दौरान एम जे अकबर पर आरोप
2017 में महिला पत्रकार प्रिया रमानी ने एम जे अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. प्रिया रमानी ने एक पत्रिका में लिखे आलेख में यौन उत्पीड़न की घटनाओं का जिक्र किया, हालांकि इसमें उन्होंने कहीं भी एम जे अकबर का जिक्र नहीं किया, लेकिन MeToo कैंपेन के दौरान प्रिया रमानी ने एम जे अकबर पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए. रमानी के इन आरोपों के बाद एम जे अकबर पर कई और महिलाओं ने भी सैक्सुल हैरासमेंट के आरोप लगाए, जिसके बाद विपक्ष ने एम जे अकबर के इस्तीफे की मांग की थी.
आरोपों पर अकबर की सफाई
MeToo कैंपेन के दौरान अपने ऊपर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों पर सफाई देते हुए एम जे अकबर ने कहा था कि उन पर लगे सभी आरोप बेबुनियाद हैं. प्रिया रमानी के आरोपों को खारिज करते हुए एम जे अकबर ने कहा कि उन्होंने अपने आर्टिकल में कहीं मेरा जिक्र नहीं किया, क्योंकि वह जानती थी कि ये महज एक झूठी कहानी है. लेकिन बाद में MeToo कैंपेन के दौरान उन्होंने मेरा नाम लेकर मुझे बदनाम करने की कोशिश की और मेरी छवि को खराब किया.
कैसे कोर्ट पहुंचा मामला?
प्रिया रमानी के यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद एम जे अकबर का भारी विरोध हुआ. महिला संगठन और राजनीतिक दलों के विरोध के बाद एम जे अकबर को केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा. इसके बाद अपने ऊपर लगे आरोपों के खिलाफ एम जे अकबर ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और प्रिया रमानी पर मानहानि का केस किया.
किन महिलाओं ने लगाए अकबर पर आरोप
प्रिया रमानी के बाद कई और महिलाओं ने भी एम जे अकबर के खिलाफ खुलकर सामने आ गईं. अंग्रेजी अखबार एशियन एज के पूर्व संपादक रहे एम जे अकबर पर कई महिला पत्रकारों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए. इनमें फोर्स मैग्जीन की कार्यकारी संपादक रही गजाला वहाब, अमेरिकी जनर्लिस्ट मजाली डे, पय कैंप और ब्रिटेन की पत्रकार रूथ डेविड भी शामिल हैं. इन महिलाओं ने एम जे अकबार के साथ काम किया था.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)