एमएम कलबुर्गी की हत्या के मामले में SIT ने 6 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. इन 6 लोगों के नाम है- अमोल काले, गणेश मिस्किन, प्रवीन प्रकाश चतुर, वासुदेव भगवान सूर्यवंशी, शरद कालस्कर और अमित रामचंद्र बद्दी. साल 2015 में कलबुर्गी की उनके कर्नाटक के धारवाड़ स्थित घर पर हत्या कर दी गई थी.
चार्जशीट में कहा गया है कि इन लोगों ने बेनाम संगठन के लिए काम किया. इन छह लोगों का नाम गौरी लंकेश हत्या मामले में भी आरोपी के रूप में दर्ज है. गौरी लंकेश मामले में दायर दूसरी चार्जशीट में इन लोगों को सनातन संस्था का सदस्य बताया गया है, जो एक कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी संस्था है. आरोपी अमोल काले को हिंदू जनजागृति समिति का पूर्व पुणे संयोजक बताया गया है.
कलबुर्गी की विधवा उमा मल्लीनाथ देवी ने उनकी हत्या की जांच की मांग करते हुए साल 2017 में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल फरवरी में कर्नाटक एसआईटी को कलबुर्गी की हत्या की जांच सौंप दी थी. कर्नाटक एसआईटी गौरी लंकेश की हत्या मामले में पहले ही जांच कर रही है.
कैसे हुई कलबुर्गी की हत्या
कलबुर्गी की 30 अगस्त 2015 को कर्नाटक में धारवाड़ के कल्याण नगर स्थित उनके घर पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. जांच अधिकारियों के मुताबिक, आरोपियों ने 9 जून 2014 को बेंगलुरु में दिए गए एक स्पीच के बाद कलबुर्गी को मारने की साजिश रचनी शुरू कर दी थी. अपनी स्पीच में, कलबुर्गी ने यूआर अनंतमूर्ति द्वारा लिखी गई एक किताब के एक अंश का जिक्र करते हुए मूर्ति पूजा पर कुछ विशेष टिप्पणी की थी. इसके बाद से वह विश्व हिंदू परिषद और दूसरे हिंदुत्ववादी संगठनों के निशाने पर आ गए थे. उनका पुतला जलाया गया और उनकी गिरफ्तारी की मांग भी की गई.
जनवरी और मई 2015 के बीच अमोल काले, गणेश मिस्किन और प्रवीण चतुर ने हुबली के इंदिरा गांधी ग्लासहाउस में कई बार मुलाकात की. तीनों ने कलबुर्गी की दिनचर्या को स्टडी किया और धारवाड़ में उनके घर के आस-पड़ोस के माहौल का पता लगाया.
30 अगस्त 2015 को तीनों हुबली में इंदिरा गांधी ग्लासहाउस में फिर मिले, जहां अमोल ने गणेश और प्रवीण को 7.65 मिमी की कैलिबर वाली देसी पिस्तौल दी. इसके बाद दोनों सुबह लगभग 8:30 बजे चोरी की बाइक पर कलबुर्गी के घर पहुंचे. गणेश ने घर में घुसकर कलबुर्गी को उनके माथे पर दो गोली मारी और इसके बाद मौके पर फरार हो गए.
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