उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऑफिशियल रिव्यू मीटिंग और कैबिनेट मीटिंग के दौरान अधिकारियों के मोबाइल फोन ले जाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. बुधवार को लखनऊ में कानून-व्यवस्था की समीक्षा बैठक में किसी भी अधिकारी को मोबाइल फोन नहीं ले जाने दिया गया. सभी अधिकारियों के मोबाइल फोन मीटिंग रूम के बाहर ही रखवा लिए गए.
इससे एक दिन पहले लखनऊ के लोक भवन में हुई कैबिनेट मीटिंग से पहले भी इसी तरह सभी मंत्रियों के मोबाइल फोन बाहर ही रखवा दिए गए थे.
बैठक में मोबाइल बैन की वजह
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले हफ्ते ही ऑफिशियल और कैबिनेट मीटिंग में मोबाइल फोन रोक लगाए जाने की जानकारी दी थी. मुख्यमंत्री के एक सीनियर अधिकारी ने कहा था-
“मुख्यमंत्री चाहते हैं कि सभी मंत्री/अफसर मीटिंग के दौरान सिर्फ मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करें. मोबाइल फोन की वजह से उनका ध्यान न भटके. कुछ मंत्री/अफसर व्हाट्सऐप पर मैसेज पढ़ने में बिजी रहते हैं.”
योगी सरकार ने ये फैसला मोबाइल हैकिंग और मोबाइल के जरिए जासूसी जैसे खतरे का ध्यान रखते हुए भी लिया है. पहले मंत्रियों को मीटिंग में मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति थी, लेकिन फोन साइलेंट मोड पर रखने का इंस्ट्रक्शन था.
अब, उन्हें अपने फोन मीटिंग रूम के बाहर एक काउंटर पर जमा करने का आदेश दिया गया है. काउंटर पर मोबाइल जमा करने के बाद उन्हें एक टोकन जारी किया जाता है, जिसके बदले बाद में उनका मोबाइल फोन वापस कर दिया जाता है.
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