केंद्र सरकार के ब्यूरो ऑफ आउटरीच एंड कम्यूनिकेशन ने प्रिंट मीडिया को दिए जाने वाले विज्ञापनों की दरों में 25 प्रतिशत का इजाफा किया है. एक सरकारी बयान में कहा गया कि इस फैसले से क्षेत्रीय और भाषाई अखबारों सहित मझोले और छोटे अखबारों को बड़ा फायदा होगा.
इससे पहले 2013 में दरों में इजाफा हुआ था. वर्ष 2010 की तुलना में उस समय 19 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी.
मंगलवार को सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने ब्यूरो ऑफ आउटरीच एंड कम्यूनिकेशन के द्वारा प्रिंट मीडिया के लिए मौजूदा दर ढांचे से अलग प्रिंट मीडिया के लिए विज्ञापन दर में 25 प्रतिशत इजाफा करने का फैसला किया है.
महंगे होते कागज के दामों की वजह से लिया गया फैसला
यह फैसला मंगलवार से ही प्रभावी हो गया है और तीन साल तक के लिए मान्य होगा. सरकार के मुताबिक ये फैसला सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा गठित आठवीं दर संरचना समिति की सिफारिशों के आधार पर यह फैसला किया गया. समिति ने न्यूज प्रिंट मूल्यों में वृद्धि, प्रोसेसिंग चार्ज और अन्य पहलुओं पर विचार करते हुए ये सिफारिशें की है.
कांग्रेस ने कहा, बीजेपी की मीडिया को अपने पक्ष में करने की कोशिश
सरकार के इस फैसले पर प्रतिक्रिया में कांग्रेस की प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा,‘‘साल 2014 से ही हमने देखा है कि भाजपा ने मीडिया को अपने पक्ष में करने की कोशिश की है, मीडिया को चुप कराने की कोशिश की है और वे ऐसा मानते हैं कि वे मीडिया को खरीद सकते हैं क्योंकि उनके पास सत्ता है और क्योंकि उनके पास धनबल है.
कांग्रेस प्रवक्ता ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि, ‘‘लेकिन उन्हें(बीजेपी को) इस बात का जरा भी अहसास नहीं है कि पत्रकारिता को चुप नहीं कराया जा सकता, उसे खरीदा नहीं जा सकता और आज नहीं तो कल उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.’’
(इनपुट भाषा से)
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