महंगाई का ग्राफ ऊपर चढ़ने की वजह से मोदी सरकार चिंतित नजर आ रही है. अब सरकार ने खाने-पीने की चीजों के दाम ऊपर जाने से रोकने के लिए इनका आयात करने और बफर स्टॉक बढ़ाने का फैसला किया है.
दलहन का आयात, तैयार होगा बफर स्टॉक
सरकार का यह फैसला तब सामने आया, जब दलहन की कीमत 170 रुपये और टमाटर की कीमत 100 प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं. सरकार ने हाई लेवेल मीटिंग करके तय किया कि म्यांमार और दक्षिण अफ्रीका से दलहन का आयात किया जाएगा. साथ ही जब भी राज्यों की ओर से इसकी मांग पैदा होगी, बफर स्टॉक से दलहन को निकाला जाएगा.
- दाल समेत खाने-पीने की अन्य चीजों के दाम बढ़ने से लोग परेशान हैं
- विपक्ष के लगातर हमले के बाद सरकार ने दाल आयात करने का फैसला किया
- म्यांमार और अफ्रीकी देशों से इम्पोर्ट की जाएंगी दालें
- देश में अभी मांग की तुलना में दाल की सप्लाई करीब 70 लाख टन कम है
- बफर स्टॉक बनाने के लिए इस साल का 1.5 लाख टन का टारगेट रखा है
- दिल्ली-एनसीआर में अरहर व उड़द की दाल 120 रुपये प्रति किलो की दर से बेचेगी सरकार.
दरअसल, मांग की तुलना में दाल की सप्लाई करीब 70 लाख टन कम है. दाल के आयात से इस अंतर को पाटा जाएगा.
मीटिंग में कीमतों में तेजी के कारणों और उसे कंट्रोल करने के संभावित विकल्पों पर चर्चा की गई. मीटिंग में वित्तमंत्री अरुण जेटली, कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, खाद्य मंत्री रामविलास पासवान, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण और शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू मौजूद थे.
इस बारे में रामविलास पासवान ने कहा,
मीटिंग में दलहन मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई. हमारे विभाग को कहा गया कि वह बफर स्टॉक के लिए अधिक दलहन खरीदे.
1.5 लाख टन दाल का बफर स्टॉक
बफर स्टॉक बनाने के लिए इस साल का 1.5 लाख टन का टारगेट रखा गया है. अभी तक खरीफ और रबी के सीजन के दौरान 1.15 लाख टन दलहन की खरीद की गई है. सरकार ने म्यांमार और अफ्रीका जैसे दलहन उत्पादक देशों के लिए एक टीम फौरन भेजने का फैसला किया है, ताकि आयात की पूरी रूपरेखा तैयार की जा सके.
अभी क्या कर रही है सरकार?
फिलहाल केंद्रीय भंडार, सफल बिक्री केंद्र और अन्य सरकारी एजेंसियां तुअर और उड़द दाल की बिक्री अपने सेंटर से 120 रुपये प्रति किलो की दर से कर रही हैं. हालात से निपटने के लिए पहले ही बफर स्टॉक से बाजार में 10,000 टन दलहन की खेप जारी की गई है.
सरकार ने पहले ही म्यांमार से तुअर दाल का आयात करने के लिए मसौदा समझौते को जमा कराया है. कई अफ्रीकी देश पहले ही भारत को दलहन की सप्लाई करने का भरोसा दे चुके हैं. खरीद के बेहतर तरीके, बुवाई के रकबे को बढ़ाने, जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई करने और व्यापारियों के कामकाज के तौर-तरीकों में पारदर्शिता लाने पर चर्चा की गई.
दिल्ली में सरकार बेचेगी सस्ती दाल
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने राष्ट्रीय राजधानी में रियायती दर पर दालों की बिक्री करने वाले मोबाइल वैन को बुधवार को हरी झंडी दिखाई. भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (एनसीसीएफ) द्वारा संचालित ये मोबाइल वैन दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में खासकर अरहर व उड़द की दाल 120 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेचेंगे. दिल्ली व एनसीआर में केंद्रीय भंडार व सफल की दुकानें पहले से ही इस कीमत पर दालों की बिक्री कर रही हैं.
गौरतलब है कि पिछले 2-3 महीने में खाने-पीने की चीजों के दाम बेतहाशा बढ़े हैं. दाल करीब 35 फीसदी, सब्जियां के दाम करीब 15 फीसदी, आलू के दाम करीब 60 फीसदी और चीनी के दाम 22 फीसदी तक बढ़ चुके हैं. देखना है, यह सिलसिला कहां जाकर थमता है.
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