सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम द्वारा हाईकोर्ट के लिए सिफारिश किए गए नामों को नरेंद्र मोदी सरकार ने लौटा दिया है. इस बार सरकार ने दो वकीलों के नाम वापस कर दिए हैं, जिन्हें जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट के जजों के रूप में नियुक्त किया जाना था.
द प्रिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले हफ्ते केंद्र की ओर से भेजे गए ताजा आदेश से स्पष्ट है कि हाई कोर्ट के लिए अनुशंसित चार नामों में से (तीन वकील और एक जज) केंद्र ने केवल दो की नियुक्ति करने का फैसला किया है.
प्रिंट ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि केंद्र वकील सिंधु शर्मा और जिला और सेशन जज राशिद अली डार के लिए नियुक्तियों के वारंट जारी करने की योजना बना रहा है, जबकि बाकी दो वकीलों वसीम सादिक नरगल और नाजिर अहमद बेग के नामों को सरकार ने वापस कर दिया है.
कॉलेजियम ने भेजे थे चार नाम
ये चार नाम उन पांच नामों में शामिल थे, जिनकी स्टेट हाई कोर्ट कॉलेजियम ने 24 अगस्त, 2017 को प्रमोशन के लिए सिफारिश की थी. लेकिन इस साल 6 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने पांचों उम्मीदवारों में से एक शौकत अहमद मकरू का नाम बाहर कर दिया था.
बाकी के चारों उम्मीदवारों के साथ बातचीत करने और उनके रिकॉर्ड्स पर विचार करने के बाद, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने इन चार नामों पर फैसला किया था. फिलहाल, ये देखना बाकी है कि इस बार सरकार कॉलेजियम द्वारा अनुशंसित नामों को अस्वीकार करने के पीछे क्या वजह बताती है.
कॉलेजियम ने केंद्र सरकार के पास भेजी थीं ये सिफारिशें
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने कार्यवाहक चीफ जस्टिस ऑफ दिल्ली हाई कोर्ट गीता मित्तल को जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस और कलकत्ता हाई कोर्ट के सीनियर जज जस्टिस अनिरुद्ध बोस को झारखंड हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस बनाने की सिफारिश की थी.
इसके अलावा कॉलेजियम ने गुवाहाटी हाई कोर्ट और केरल हाई कोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस ऋषिकेश रॉय को केरल हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस बनाए जाने की सिफारिश की है. कॉलेजियम ने बॉम्बे हाई कोर्ट के जस्टिस वीके ताहिलरमानी को मद्रास हाई कोर्ट का चीफ जस्टि बनाए जाने की सिफारिश की है. गुजरात हाई कोर्ट के जस्टिस एमआर शाह को पटना हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस बनाने की सिफारिश की गई है.
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