राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन का 1 मई की सुबह निधन हो गया. शहाबुद्दीन कोरोना वायरस से संक्रमित थे. शहाबुद्दीन का निधन दिल्ली के दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में हुआ. हालांकि, इससे पहले वो तिहाड़ जेल के हाई-रिस्क वॉर्ड में भर्ती थे. उनके वकीलों ने कोर्ट को बताया था कि शहाबुद्दीन के साथ सेल में बंद एक शख्स को कोरोना संक्रमण हुआ था.
28 अप्रैल को शहाबुद्दीन के वकीलों ने दिल्ली हाई कोर्ट में रिट पेटिशन दायर कर उनकी जिंदगी बचाने, उनके स्वास्थ्य की मॉनिटरिंग और उन्हें एक मोबाइल फोन दिए जाने के निर्देश के लिए अपील की थी.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, वकीलों ने कोर्ट को बताया कि साथी कैदी के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद भी शहाबुद्दीन को उसके साथ रखा गया है. वकीलों ने कहा, "इस बीमारी की मृत्यु दर जानते हुए भी जेल प्रशासन ने याचिकाकर्ता के लिए कोई अलग इंतजाम नहीं किया और बार-बार निवेदन के बाद भी उन्हें कोविड मरीज के साथ सेल शेयर करना पड़ा. इस तरह जेल प्रशासन ने उनकी जिंदगी खतरे में डाली."
शहाबुद्दीन 19 अप्रैल को संक्रामित पाए गए थे और 20 अप्रैल को इलाज के लिए उन्हें DDU अस्पताल शिफ्ट किया गया था.
दिल्ली हाई कोर्ट ने 28 अप्रैल के अपने आदेश में कहा था कि शहाबुद्दीन को 'लगातार डॉक्टर की निगरानी में रखा जाए ताकि उनकी जिंदगी खतरे में न हो.'
53 साल के शहाबुद्दीन तिहाड़ जेल में 2004 के एक डबल मर्डर केस में आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे.
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